सफाईकर्मियों का कार्य बहिष्कार का फैसला... जयपुर. राजधानी में बुधवार से ना सड़कों पर झाड़ू लगेगी ना कचरा उठेगा. शहर के दोनों निगमों के 8000 से ज्यादा सफाई कर्मचारी बुधवार से सामूहिक कार्य बहिष्कार करेंगे. 4500 सफाई कर्मचारियों के रिक्त पदों पर स्टाफ पैटर्न के आधार पर भर्ती करने और इन भर्तियों में 2018 से पहले ठेके, बीट और मस्टररोल पर काम करने वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर कर्मचारी स्वायत्त शासन विभाग से लेकर मंत्री तक ज्ञापन दे चुके हैं. लेकिन उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं होने के चलते, अब उन्होंने सामूहिक कार्य बहिष्कार करने का फैसला लिया है.
प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सफाई कर्मचारियों की मांगों पर सुनवाई के लिए एक समिति का गठन करने के निर्देश दिए थे. लेकिन डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी ना तो समिति बनी और ना ही सफाई कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई की गई. जिससे गुस्साए सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार को ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय पर इकट्ठा होकर आंदोलन की रणनीति बनाते हुए सामूहिक कार्य बहिष्कार का फैसला लिया.
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सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने कहा कि 4 साल पहले कांग्रेस ने जो वादे किए थे, उन वादों के कारण ही उन्हें जीत दिलाई थी. उन्हीं वादों को याद दिलाते हुए एक बार फिर 4500 रिक्त पदों पर कर्मचारियों की भर्ती की मांग की गई है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि सफाई कर्मचारियों की जो भर्ती होगी, उनमें 2018 से पहले ठेके, बीट और मस्टररोल पर काम करने वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए.
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साथ ही उन्होंने बताया कि 1995 से पहले कोई कर्मचारी 45 वर्ष की आयु के बाद गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाता था, तो उसके परिवार के किसी भी आश्रित को नौकरी लगाई जा सकती थी. दूसरे कई राज्यों में अभी भी यह व्यवस्था लागू है. ऐसे में उन्होंने प्रदेश में इस व्यवस्था को दोबारा लागू करने की भी मांग उठाई है. डंडोरिया ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की 17 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कई बार सरकार और प्रशासन को दिया जा चुका है.
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इन मांगों को यूडीएच मंत्री के सामने भी रखा जा चुका है. लेकिन अब तक ना तो यूडीएच मंत्री के निर्देश के बावजूद कोई कमेटी बनाई गई और ना ही सफाई कर्मचारियों की किसी भी मांग को निस्तारित किया गया है. ऐसे में अब बुधवार से कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वच्छ सर्वेक्षण सिर पर है और यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती तो बिगड़ी हुई सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी.
सफाई कर्मचारियों की अन्य प्रमुख मांगें:
- सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को शत प्रतिशत आरक्षण दिया जाए.
- नगरीय निकायों के कर्मचारियों का वेतन राज्य निधि कोष से दिया जाए.
- सफाई कर्मचारियों की भर्ती नियमों में संशोधन किया जाए.
- सेवानिवृत्त सफाई कर्मचारियों और मृतक कर्मचारियों के परिजनों को ग्रेच्युएटी, पीएल/पीएफ का भुगतान दिलवाया जाए.
- 2018 की भर्तियों में लगे सफाई कर्मचारियों को मूल पद पर लगाया जाए.
- सफाई कर्मचारियों के आरजीएचएस कार्ड बनवाए जाएं.