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सूर्य उपासना और लोक आस्था के पर्व डाला छठ पर व्रतियों ने संध्याकालीन सूर्य को दिया पहला अर्घ्य - Women gathered in Galata

जयपुर में रविवार शाम को महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की. सोमवार को उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे के व्रत का परायण होगा.

women gave Arghya to the Sun on Chhat Puja
महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 19, 2023, 11:29 PM IST

जयपुर.राजधानी में महिलाओं ने सोलह शृंगार कर जलाशयों में खड़े होकर संध्याकालीन सूर्य को अर्घ्य देते हुए छठी मैया से परिवार की सुख समृद्धि की कामना की. रविवार को भोजपुरी गीतों की मिठास के साथ सूर्य उपासना और लोक आस्था का सबसे बड़े महापर्व डाला छठ मनाया गया. बिहार और पूर्वांचल के प्रवासी श्रद्धालुओं में पर्व को लेकर खासा उत्साह दिखा. वहीं सोमवार सुबह उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे के व्रत पूरा होगा.

हाथों में बांस की टोकरी और सूप, आटा, गुड़, पंचमेवों, ठेकुंआ और फल महिलाओं ने कमर तक के पानी में खड़ी होकर सूर्यदेव को अर्पित किया. इसके बाद डूबते सूर्य को दीप जलाकर अर्घ्य दिया. मान्यता है कि डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में आर्थिक, सामाजिक, शारीरिक रूप से होने वाली हर प्रकार की परेशानी दूर होती है. इस दौरान गलता तीर्थ में मेले सा माहौल नजर आया. गलता तीर्थ में महंत अवधेशाचार्य के सान्निध्य में मुख्य कार्यक्रम हुआ. इस मौके पर व्रती अपने परिवारजनों के साथ गलता जी पहुंचे और गलता कुंड में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया.

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इस दौरान गंगा आरती भी की गई. वहीं रात को जगह-जगह रात्रि जागरण के साथ ही कई कार्यक्रम हुए. हसनपुरा, सुशीलपुरा, सीकर रोड, सीतापुरा, सांगानेर, वैशालीनगर, आमेर सहित 100 से ज्यादा जगहों पर कृत्रिम जलाशय बनाकर पूजा की गई. वहीं मानसरोवर में हुए कार्यक्रम में जैविक खेती करने और मानव सभ्यता को केमिकल से बचाने का संदेश दिया गया. वहीं रात को नए कोसी भरने की परंपरा निभाई गई. जिसमें मिट्टी के हाथी कलश उस पर ढक्कन रख पंचमुखी दीपक जलाकर पांच गन्ने एक साथ बांध के खड़े कर छठी माता का गुणगान किया. अब सोमवार सुबह उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे के व्रत का परायण होगा.

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