जयपुर. प्रदेश की राजधानी में सोमवार को गणेश चतुर्थी पर तमाम प्राचीन मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ा रहा और गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों से मंदिर परिसर गूंजता नजर आया. जयपुर के नहर के गणेश मंदिर में सुबह से ही भक्तों की कतारें लगी रही. जहां भक्तों ने भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की कामना की. जिसके साथ ही भगवान गणेश के दरबार मे मोदकों की विशेष झांकी सजाई गई.
नहर के गणेश मंदिर में तंत्र विधान से गणपति की प्रतिमा स्थापित की गई है. इस मंदिर की खासियत है कि यहां दक्षिणमुखी गणेश प्रतिमा विराजमान है. साथ ही यह दाहिने सूंड और दक्षिणमुखी गणेश प्रतिमा का प्रदेश में एकमात्र मंदिर है. इस मंदिर में 5.5 फीट गणेश प्रतिमा के विग्रह का आकार है. नहर के गणेश मंदिर नाहरगढ़ की पहाड़ी के नीचे स्थापित है. नाहरगढ़ की पहाड़ी से बारिश का पानी बहकर इस मंदिर के पास से नहर के रूप में गुजरता है. इसलिए इस मंदिर का नाम नहर के गणेश जी पड़ा है.वहीं जानकारी के अनुसार सैकड़ों वर्ष पुराने नहर के गणेश मंदिर की स्थापना ब्रह्मचारी बाबा ने करवाई थी.