जयपुर. फायरमैन विमला जग्रवाल... यह वहीं विमला जग्रवाल है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 पदक जीतकर जयपुर के साथ साथ देश का नाम रोशन किया था. इन दिनों प्रोत्साहन राशि और पदोन्नति के लाभ के लिए विमला अधिकारियों के नगर निगम के चक्कर काट रही है. लेकिन निगम के अधिकारियों की अनदेखी के कारण अब वह हताश हैं.
प्रतियोगिता में नाम रोशन कर जयपुर लौटी विमला को नगर निगम से वाहवाही तो बहुत मिली, लेकिन खेल नीति 2013 के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि और पदोन्नति का लाभ देने की अधिकारियों की मंशा नहीं दिख रही. ऐसे में बीते 4 महीने से विमला अपने हक के लिए निगम अधिकारियों के चक्कर काट रही है.
दरअसल, साल 2018 में 11 से 17 सितंबर तक दक्षिण कोरिया में 13वीं वर्ल्ड फायर फाइटर गेम्स चुंगजु आयोजित हुई थी. इसमें 64 देशों के 6000 से ज्यादा फायर फाइटर्स ने भाग गया था. कुल 45 मेडल्स पाकर भारत इस प्रतियोगिता में सातवें पायदान पर रहा था. इस प्रतियोगिता में जयपुर नगर निगम की महिला फायरमैन विमला अग्रवाल ने ना सिर्फ हिस्सा लिया, बल्कि 6 मेडल भी अपने नाम किए. विमला ने शॉटपुट और हैमर थ्रो में स्वर्ण पदक, जबकि स्विमिंग, लेफ्ट हैंड आर्म्स रेसलिंग और ट्रेजर हंट में रजत पदक हासिल किया. इसके अलावा राइट हैंड आर्म्स रेसलिंग में विमला को एक कांस्य पदक भी मिला.
हैरत की बात यह है कि विमला इस प्रतियोगिता में अपने खर्चे से नगर निगम से अवकाश लेकर गई थी. इस बात की जानकारी उच्चाधिकारियों को भी है. बावजूद इसके देश का नाम रोशन करने वाली इस महिला कर्मचारी को उसके हक के लिए नगर निगम में रोजाना चक्कर लगवाए जा रहे हैं. यहां तक कि बीते साल 31 अक्टूबर को हुई नगर निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक में विमला की पदोन्नति का प्रस्ताव सरकार के पास भिजवाने का सर्वसम्मति से फैसला हुआ था. इसके साथ ही फायरमैन विमला को ऑन ड्यूटी मानते हुए दक्षिण कोरिया आने-जाने में खर्च की धनराशि भी देने का निर्णय हुआ था. इस रकम को देने में भी नगर निगम की लेखा शाखा अड़ंगे लगा रही है. पिछले 14 दिसंबर को विमला ने कार्मिक उपायुक्त को पत्र लिखकर राज्य सरकार से खेल नीति 2013 के तहत अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में पहला स्थान पाने पर दिए जाने वाले 5 लाख रुपए के अनुदान और पदोन्नति दिलवाने का आग्रह किया था.