विराटनगर (जयपुर). जिले में तहसील के आंतेला के पास दो ढाणियों के लोग SDM कार्यालय के बाहर आमने-सामने धरने पर बैठ गए हैं. इनके बीच एक ऐसा विवाद गहरा गया है, जिसके कारण दोनों ढाणियों के करीब 18 परिवार पिछले डेढ़ महीनों से बिना पानी, बिजली और रास्ते के जीने को मजबूर हैं. एक ढाणी वालों ने दूसरे की बिजली काट दी तो दूसरी ढाणी वालों का आरोप है कि उनका रास्ता ही बंद कर दिया गया है.
बता दें कि विराट नगर तहसील कालरा की ढाणी है, यहां के बच्चे दिसंबर महीने से ही मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ने को मजबूर हैं. बोर्ड परिक्षाएं सिर पर हैं लेकिन बच्चें पढ़ें तो पढ़ें कैसे, क्योंकि बिजली तो है ही नहीं. यहां की महिलाएं रोजाना डेढ़-दो किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. इतनी दूर से पीने का पानी लाने में ही इतनी परेशानी है तो इन जानवरों का क्या हाल हो रहा होगा. क्योंकि जिनके खेतों में से इस ढाणी के लिए बिजली के तार गुजर रहे थे, उन खेतों के मालिकों ने बिजली के तार काट दिए हैं.
दरअसल, यहां आगे पीछे दो ढाणियां हैं. सड़क किनारे कालरा की ढाणी है लेकिन इनके यहां बिजली आ रही है. जबकि पीछे वाली भोगल की ढाणी की तरफ अगर कालरा वालों की मानें तो भोगल वालों ने जबरन उनकी बिजली सप्लाई काट दी. जबकि भोगल वालों का कहना है कि कालरा वालों से उनको रास्ता देने का समझौता किया गया है लेकिन अब वे रास्ता देने से इनकार कर रहे हैं.