बस्सी (जयपुर).प्रदेश में 48 नई पंचायत समितियों व 1264 ग्राम पंचायतों को मंजूरी की घोषणा के बाद राजधानी के बस्सी उपखंड क्षेत्र के बांसखोह को पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर चल रहा धरना खत्म हो गया. 16 अक्टूबर से बांसखोह सहित आसपास के रहने वाले सैकड़ों ग्रामीण धरने पर बैठे थे. लेकिन सरकार ने उनकी मांग नहीं स्वीकार की.
पंचायत समितियों को मंजूरी की घोषणा के बाद ग्रामीणों का धरना खत्म बता दें कि धरने पर 28 अक्टूबर से 28 लोग अनशन पर बैठे थे. साथ ही 20 दिनों से कस्बे के बाजार पूर्ण रूप से बंद करके धरना दिया जा रहा था. धरने के बावजूद बांसखोह के ग्रामीण अपने क्षेत्र को पंचायत समिति बनाने में नाकाम रहे. जिसके बाद हताश धरनार्थियों को शनिवार को संत सुरजनदास महाराज ने अपने हाथों से जूस पिलाकर उनकी 16 दिन की भूख हड़ताल खत्म करवा दी.
इसके बाद ग्रामीणों ने 17 दिन से बंद अपने प्रतिष्ठान भी खोल लिए. वहीं धरना समाप्ति के बाद संघर्ष समिति ने अपना विरोध जारी रखने का निर्णय सुनाते हुए आगामी पंचायत चुनावों का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय किया है. साथ ही सोमवार को इलाके से जुड़े राजनेताओं ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा भी की.
सीएम, डिप्टी सीएम और विधायक का पुतला फूंका
वहीं अपनी अनदेखी से गुस्साए ग्रामीणों और संघर्ष समिति सदस्यों ने सीएम अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं स्थानीय विधायक लक्ष्मण मीणा का पुतला फूंक कर रोष प्रकट किया. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हम भी पीछे हटने वालो में से नहीं हैं. धरना समाप्त कर दिया तो क्या हुआ. हमने निर्णय करके अपना विरोध जारी करते हुए आगामी पंचायत चुनावों का पूरी तरह बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.