जयपुर.प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी सत्ता परिवर्तन के लिए एक बार फिर परिवर्तन यात्राएं निकालने जा रही है. हालांकि, इस बार यह परिवर्तन यात्राएं किसी एक चेहरे पर नहीं, बल्कि सामूहिक नेतृत्व में निकाली जाएंगी. परिवर्तन यात्राओं से पहले 1 अगस्त को राजधानी जयपुर में बड़ा विरोध-प्रदर्शन होगा. इसके बाद जिला और तहसील स्तर पर भी पार्टी की ओर से सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन होगा. बीजेपी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की मौजूदगी में सवाई माधोपुर के नाहरगढ़ होटल में दो दिन हुए विजय संकल्प महामंथन में इसको लेकर रणनीति बनी.
एक चेहरा नहीं, बल्कि सामूहिक लड़ेंगे चुनाव : जैसा कि बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व पहले ही इस बात को स्पष्ट कर चुका है कि इस बार विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी एक चेहरे पर नहीं, बल्कि सामूहिक नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फेस मानकर चुनाव लड़ेगी. 9 और 10 जुलाई यानी 2 दिन सवाई माधोपुर के नाहरगढ़ होटल में बीजेपी की विजय संकल्प बैठक में भी इस पर खास चर्चा हुई.
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सभी की सामूहिक भूमिका अनिवार्य: सूत्रों की मानें तो बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री ने विजय संकल्प में पार्टी के तमाम बड़े नेताओं को इस बात की हिदायत दे दी है कि वह एकला चलो की राह पर नहीं चलें, बल्कि सामूहिक होकर किस तरह से मौजूदा सरकार को घेरा जाए, उसके लिए काम करना होगा. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों पार्टी में दिखी गुटबाजी को लेकर बीएल संतोष ने नाराजगी जताई और भविष्य में संगठन के किसी भी कार्यक्रम से दूरी नहीं बनाने के निर्देश दिए. संतोष ने साफ कर दिया कि आगामी दिनों में पार्टी की ओर से कई तरह की गतिविधियों होंगीं, जिसमें सभी की सामूहिक भूमिका अनिवार्य होगी.
सांसद किरोड़ी लाल के साथ वसुंधरा राजे सामूहिक नेतृत्व में होंगी परिवर्तन यात्राएं : पार्टी सूत्रों की मानें तो 2 दिन के विजय संकल्प महामंथन में सत्ता परिवर्तन को लेकर परिवर्तन यात्राएं निकालने पर निर्णय हुआ, लेकिन इस बार परिवर्तन यात्राएं किसी एक चेहरे के नहीं बल्कि सामूहिक नेतृत्व में निकालने के निर्देश दिए गए. इसके साथ ही बैठक में यह भी तय हुआ कि आगामी दिनों में सरकार के खिलाफ पेपर लीक, महिला अत्याचार, भ्रष्टाचार, रोजगार, किसान कर्ज माफी सहित तमाम मुद्दों को लेकर सभी जिला मुख्यालय से लेकर तहसील स्तर तक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाए, ताकि सरकार के खिलाफ माहौल तैयार हो. आंदोलन का आगाज 1 अगस्त को राजधानी जयपुर में बड़ा विरोध-प्रदर्शन के साथ होगा.
प्रदर्शन में प्रदेश भाजपा के सभी बड़े नेता शामिल :बताया यह भी जा रहा है कि इस विरोध-प्रदर्शन में सभी विधायकों और सांसदों को भी शामिल होने के लिए कहा गया है. निर्देश यह भी दिए गए हैं कि आगामी दिनों में पार्टी की ओर से होने वाली तमाम गतिविधियों में सभी नेता एकजुटता के साथ शामिल होंगे. इसके बाद सांसद और विधायक जिला और तहसील स्तर पर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर पार्टी के पक्ष में माहौल खड़ा करेंगे.
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बूथ स्तर पर सम्पर्क हो :बताया जा रहा है कि बैठक में संगठन महामंत्री बीएल संतोष में सभी नेताओं को निर्देश दिए कि बूथ स्तर पर संगठन को और मजबूत करें. इसके साथ ही नए लोगों को किस तरह से पार्टी विचारधारा से जोड़ा जाए, इसको लेकर काम करने की जरूरत है. संगठन के स्तर पर आने वाले दिनों में इस तरह से कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिससे अलग-अलग वर्ग के लोगों को पार्टी की विचारधारा से जोड़ा जा सके. बीएल संतोष ने कहा कि इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के निर्देश दिए हैं.
सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ वसुंधरा राजे के बेटे एकजुटता का संदेश देने की कोशिश : दो दिन तक हुई इस बैठक के जरिए एकजुटता का संदेश देने की कोशिश हुई. अलग-अलग फोटो के जरिए यह दिखाया गया है कि अब पार्टी में सब कुछ सामान्य है. अब सब एक जाजम पर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, किरोड़ी लाल मीणा की एक साथ फोटो शेयर की गई. इसके साथ ही अन्य नेताओं की इस तरह की फोटो को शेयर करके दिखाने की कोशिश करी गई कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी एकजुट हैं. दो दिन में 8 सेशन हुए, जिसमें संगठन की मजबूती, आगामी दिनों में मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका, पार्टी के आंदोलन की रूपरेखा, बूथ स्तर पर कार्यक्रमों के आगामी चुनावी रणनीति पर महामंथन हुआ.
ये हुए शामिल : महामंथन की अध्यक्षता राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने की, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सह प्रभारी विजया राहटकर, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, सांसद राजेन्द्र गहलोत, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह के अलावा प्रदेश कार्यकारिणी में नवनियुक्त उपाध्यक्ष और महामंत्रियों को भी बैठक में बुलाया गया. इसके साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, सांसद किरोड़ी लाल मीणा, जसकौर मीणा और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी भी शामिल हुए.