जयपुर. 83वें स्पीकर्स सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे उप राष्ट्रपति और उच्च सदन के स्पीकर जगदीप धनखड़ राज भवन में मौजूद संविधान पार्क देखने पहुंचे. हतप्रभ हुए और इसे अनुपम कलाकृति करार दिया. संविधान उद्यान भ्रमण के बाद उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से संवाद कर अपने मन की बात कही. संविधान को इस रूप में जिंदा करने की इस पहल के लिए उन्हें विशेष रूप से बधाई दी और कहा कि आजादी के बाद इस तरह की यह अनूठी पहल राजस्थान में उनके प्रयासों से ही संभव हो पाई है.
बापू की प्रतिमा को सराहा-धनखड़ ने राजभवन में चरखा कातते महात्मा गांधी की प्रतिमा को खूब सराहा. इसके अलावा मयूर स्तम्भ और महाराणा प्रताप की अपने प्रिय घोड़े चेतक के साथ ‘विश्रांति‘ मुद्रा की भी प्रशंसा की. इतना प्रभावित हुए कि प्रतिमा संग फोटो भी खिंचवाई. आजादी की लड़ाई के बाद के हर घटनाक्रम को बखूबी कलाकृतियों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है.
नंदलाल बोस के फैन हुए धनखड़- उप राष्ट्रपति धनखड़ ने संविधान निर्माण और उससे जुड़ी संविधान समितियों की कार्यवाही, संविधान निर्माण के बाद उसके लागू होने तक की ऐतिहासिक यात्रा और मूल संविधान की प्रति को बारीकी से देखा. शांति निकेतन के सुप्रसिद्ध कलाकार नंदलाल बोस की भारतीय संस्कृति से संबंधित कलाकृतियों को यहां मूर्त रूप दिया गया है, जिसे देख धनखड़ काफी खुश हुए. दरअसल, बोस ने हड़प्पा संस्कृति से लेकर आजादी तक अलग-अलग दाैर में जाे घटनाएं हुई हैं अपनी चित्रकारी के माध्यम से संविधान में उकेरी थी.
जीवंत कलाकृतियों ने मन मोहा पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ उप राष्ट्रपति पढ़ें-पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आज से, उपराष्ट्रपति धनखड़ और LS स्पीकर बिरला दिखेंगे साथ
इनसे हुए अति प्रसन्न-उपराष्ट्रपति ने संविधान पार्क में प्रदर्शित उस शिल्प को भी सराहा, जिसमें संविधान निर्माण के बाद देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद को संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर (Bhimrao Ambedkar) संविधान की प्रति भेंट कर रहे हैं. इसी तरह उन्होंने प्रथम संविधान सभा, संविधान की प्रति में उकेरे गए भारतीय संस्कृति के कला रूपों, स्वाधीनता सेनानियों, महिलाओं की आजादी में रही भूमिका आदि से जुड़े मूर्तिशिल्प, मॉडल्स और छाया छवियों की भी सराहना की. राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंदराम जायसवाल ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को संविधान उद्यान के निर्माण और इसमें प्रदर्शित मूर्तिशिल्प, मॉडल्स और अन्य कला रूपों के बारे विस्तार से जानकारी दी. बता दें कि 3 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन में बने देश के पहले संविधान पार्क का लोकार्पण किया था .