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रामलला का राजस्थान को अनूठा आमंत्रण, अयोध्या से आए श्री राम मंदिर निमंत्रण के पीले चावल

22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में श्री रामलला विराजमान होंगे. श्री राम मंदिर निमंत्रण के मंगलवार को अयोध्या से पीले चावल जयपुर स्थित विश्व हिन्दू परिषद कार्यालय पहुंचे. अब इन पीले चावलों के साथ श्री राम मंदिर का न्योता विश्व हिंदू परिषद की ओर से घर-घर पहुंचाया जाएगा.

VHP to invite people to consecration of Ram Mandir
श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पीले चावल

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 7, 2023, 4:22 PM IST

पीले चावलों के साथ श्री राम मंदिर का न्योता

जयपुर.श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी, 2024 को होगी. प्रधानमंत्री की उपस्थिति में होने वाले इस भव्य आयोजन की सभी तैयारियों पूरी कर ली गई है. इस मौके पर आमजन को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण के लिए अयोध्या से पीले चावल भेजे गए हैं. अब विश्व हिंदू परिषद प्रदेश भर में गांव, ढाणी, शहर और कस्बों में घर-घर जाकर पीले चावल बांटेगा. 23 जनवरी, 2024 से मंदिर के द्वार आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे, जिसके आमंत्रण के लिए विश्व हिंदू परिषद ये पीले चावल अभियान के रूप में वितरित करेगा.

15 दिन चलेगा अभियान: विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्यक्ष ने बताया कि अयोध्या में 500 साल बाद रामलला को भव्य मंदिर में विराजित करने की तैयारी जोरशोर से चल रही है. अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भागीदारी के लिए विश्व हिन्दू परिषद की और से पीले चावल देकर आमजन को आमंत्रित करेगा. अयोध्या में हुई अक्षत पूजा के बाद सनातन संस्कृति स्वरूप पीले चावल लेकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता जयपुर पहुंचे हैं.

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विश्व हिंदू परिषद 1 से 15 जनवरी तक व्यापक जनसंपर्क निमंत्रण अभियान चलाएगा जिसमें विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता 2 लाख गांवों में 75 लाख लोगों तक घर घर पहुंच कर पीले चावल के साथ भव्य मंदिर दर्शन का निमंत्रण देने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को रामलला विराजमान होंगे. उसके बाद 23 जनवरी से मंदिर के द्वार आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे, जिसके आमंत्रण के लिए विश्व हिंदू परिषद की और से पीले चावल का कार्यक्रम रखा गया है. विश्व हिंदू परिषद जयपुर प्रांत द्वारा संत सियाराम दास महाराज कनक बिहारी मंदिर और अयोध्या दास महाराज आमेर के सानिध्य में अयोध्या से अक्षत कलश और पीले चावल आए हैं.

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पीले चावल की खास है राजस्थान में परंपरा: राजस्थान में पीले चावल की एक अपनी खास परम्परा रही है. पीले चावल को सम्मान का प्रतीक माना जाता है. चावल को सकारात्मकता और पीले रंग के चावल को सम्मान, सत्कार और शुभता का प्रतीक माना जाता है. इसलिए किसी भी मांगलिक कार्य के आमंत्रण के लिए पीले चावल दिए जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार पीले चावल का उपयोग पूजन कर्म में करने से देवी-देवताओं की कृपा बहुत ही जल्द प्राप्त हो जाती है. किसी भी देवी-देवता को निमंत्रण देने के लिए चावल को पीला किया जाता है.

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