जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2030 तक राजस्थान को हर क्षेत्र में भारत का सिरमौर बनाने की दिशा में 'राजस्थान मिशन 2030' की शुरुआत की. सीएम गहलोत के इस मिशन 2030 पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तीखा हमला बोला है. राजे ने कहा है कि 2023 में कांग्रेस की स्थाई विदाई होना तय हो गया है. फिर क्यों मुख्यमंत्री 2030 जैसी हास्यास्पद बात कर रहे हैं. मुख्यमंत्री झूठे सपने देखना बंद करें. थोड़ा इंतजार करो. आपको तो प्रदेश की जनता दिन में ही तारे दिखाने वाली है.
स्थाई विदाई तय: पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा है कि मुख्यमंत्री झूठे सपने देखना बंद करें. थोड़ा इंतजार करेंगे, तो प्रदेश की जनता दिन में ही तारे दिखाने वाली है. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत कौन से 2030 के विजन की बात कर रहे हैं. प्रदेशवासियों को ऐसे सपने 2018 के चुनाव से पहले भी दिखाए थे. वह आज तक पूरे नहीं हुए. न किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी हुई. न युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिला.
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उन्होंने कहा कि सीएम ने प्रदेश को अव्वल बनाने की बात भी कही है. हां यह सही है कि राजस्थान अव्वल बना तो है, लेकिन महिलाओं और दलितों के अत्याचार में. बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार में. राजे ने कहा कि कानून व्यवस्था की ऐसी दुर्गति तो आजादी के बाद से लेकर अब तक कभी किसी ने नहीं देखी. भामाशाह स्वास्थ्य बीमा, अन्नपूर्णा रसोई,अन्नपूर्णा भंडार, मोबाइल जैसी योजनाओं का नाम बदल कर खुद की पीठ थपथपा ली. राजस्थान के लिए जीवनदायिनी बनने वाले मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान और नारी शक्ति को स्वावलंबी बनाने वाली दुनिया की बेहतरीन भामाशाह योजना को बंद कर दिया. फिर यह कौन सा विजन है.
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सीएम गहलोत का मिशन 2030: बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में बड़े कार्यक्रम के जरिए साल 2030 तक राजस्थान को हर क्षेत्र में भारत का सिरमौर बनाने की दिशा में 'राजस्थान मिशन 2030' की शुरुआत. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज प्रदेशवासियों की प्रगति का संकल्प बनेगा. राज्य की प्रगति को 10 गुना गति देने में हर व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित करेगा. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार एक करोड़ लोगों से उनके सपनों के राजस्थान के लिए सलाह और सुझाव लेगी. इन्हीं के आधार पर 'विजन 2030 दस्तावेज' तैयार कर जारी किया जाएगा.