जयपुर.राजस्थान में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. 1993 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से हर पांच साल में यहां सरकार बदलने का रिवाज रहा है. इस दौरान कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें ही बनती रही हैं. इसलिए बीजेपी नेता उम्मीद लगाए हैं कि इस बार भी यह रिवाज जारी रहा तो सत्ता की बागडोर बीजेपी के हाथ आएगी. नतीजों से पहले ही सियासी दलों के नेताओं का मेल-मुलाकात का दौर चल पड़ा है.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर 3 दिसंबर को मतगणना के बाद चुनाव परिणाम सामने आएंगे. इस बीच गुरुवार शाम एग्जिट पोल के नतीजों ने सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी. इस बीच पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शुक्रवार को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की है. हालांकि ये एक शिष्टाचार मुलाकात बताई गई, लेकिन टाइमिंग के बीच सियासी मायने निकाले जा रहे हैं .
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सियासी चर्चा गर्म:पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात के बाद सियासी हलकों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. बताया कि राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के दौरान प्रदेश के कई महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा की गई. बता दें कि एक दिन पहले गुरुवार को सीएम अशोक गहलोत ने भी राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी.
RSS के बड़े पदाधिकारियों से मिलीं राजे: बता दें कि इससे पहले वसुंधरा राजे राष्ट्रीय स्वयं संघ के कार्यालय भारती भवन पहुंची. वहां राजे ने संघ के अधिकारियों से मुलाकात की और लम्बी मंत्रणा की. अचानक आरएएस कार्यालय पहुंच संघ के अधिकारियों से मुलाकात ने भी राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को बढ़ा दिया है. बता दें कि चुनावी प्रचार के दौरान भी राजे संघ नेताओं से मुलाकात की थी. अब चुकी चुनाव का परिणाम आने वाला है और कभी प्रदेश आरएएस से दूरी रखने वाली राजे अब RSS के बड़े पदाधिकारियों से मुलाकात ने बदली हुई राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा कर रहे हैं.