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Valentine's Day 2023 : रोचक है इनकी लव स्टोरी, ऐसे शुरू हुआ अफेयर और फिर...

वैलेंटाइन डे प्यार करने वाले प्रेमी जोड़ों के लिए बहुत खास होता है. हर साल 14 फरवरी को मनाए जाने वाले इस दिन पर लोग अपने पार्टनर के लिए बहुत कुछ खास करते हैं. वैलेंटाइन डे पर पढ़िए जयपुर के दो कपल्स की प्रेम कहानी.

Valentine's Day 2023
Valentine's Day 2023

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Published : Feb 14, 2023, 12:40 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 6:20 PM IST

खास है इनकी प्रेम कहानियां

जयपुर. प्यार-मोहब्बत का इजहार करने के लिए वैलेंटाइन डे खास होता है और इस दिन को और खास बनाता है 'गुलाबी नगरी'. जयपुर एक ऐसा शहर है जहां हर कोई अपने पार्टनर के साथ घूमना पसंद करता है. यहां ऐतिहासिक स्थलों के साथ कई ऐसे पॉइंट्स हैं जो प्रेमी जोड़ों के लिए रोमांटिक और सुकून का अनुभव कराता है. कम दाम में शाही सफर का लुत्फ उठाने का प्लान कर रहे कपल्स के लिए हवा महल, जल महल, नाहरगढ़ और आमेर ऐसे स्थान हैं जहां व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंट कर सकते हैं.

जयपुर के बलदेव-सिंपल की कहानी- वैलेंटाइन डे पर ईटीवी भारत के साथ जयपुर के कुछ कपल्स ने अपनी लव स्टोरी शेयर की. जयपुर के बलदेव और सिंपल की लव स्टोरी 2008 में शुरू हुई और 2012 में उनकी इस लव स्टोरी को शादी का मुकाम मिला. इनकी लव स्टोरी काफी स्ट्रगलिंग रही है. एक छात्र संगठन में काम करने के दौरान दोनों की पहली बार जान-पहचान हुई. 2008 में दूदू में एक साथ आईटीआई कॉलेज की शुरुआत की. इसी दौरान दोनों की आपस में बॉन्डिंग बढ़ने लगी और दोनों ने शादी करने का फैसला किया. लेकिन एक समान कास्ट नहीं होने के कारण परिजनों ने सहमति नहीं दी.

गिफ्ट आइटम से भरा दुकान

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उन्होंने बताया कि उनके परिजन चाहते थे कि वो जिन्हें पसंद करें, उससे शादी होनी चाहिए. इसके बाद धीरे-धीरे फैमिली भी एक दूसरे को जानने लगी और आखिरकार दोनों परिवार शादी के लिए राजी हुए. 2012 में दोनों की शादी हुई. वैलेंटाइन डे सेलिब्रेशन को लेकर उन्होंने कहा कि वे 14 फरवरी को स्कूलों में ग्रैंड पेरेंट्स डे के रूप में सेलिब्रेट करते हैं. ऐसे में इस दिन को परिजनों के साथ भी मनाया जा सकता है.

कम दाम में शाही सफर का उठा सकते हैं लुत्फ

निखिल-प्रतीक्षा की कहानी- एक दूसरी कहानी जयपुर के निखिल और प्रतीक्षा की है. निखिल और प्रतीक्षा का प्यार स्कूल टाइम का है. प्रतीक्षा ने बताया कि मूल रूप से अलवर के रहने वाले हैं. स्कूलिंग के दौरान 11वीं कक्षा में एक स्कूल ट्रिप पर शिमला गया था. इसी दौरान निखिल ने प्रपोज किया था, लेकिन उसने हां नहीं की थी. पहले एक-दूसरे को जाना और दोस्ती से अपने रिश्ते को आगे बढ़ाया. इसके बाद बर्थडे पार्टी और दूसरे मौकों पर एक दूसरे से मिलते रहे. एक दूसरे के घर भी आते-जाते रहे, और धीरे-धीरे वो भी निखिल को पसंद करने लगी.

जयपुर का नाहरगढ़ दुर्ग

निखिल ने बताया कि हायर एजुकेशन के लिए जब वो बाहर निकले तो एक दूसरे से टच में नहीं रहे. उस वक्त संपर्क आसान नहीं थे, लेकिन जब दोबारा सिटी में लौटे तो फिर परिजनों से भी एक दूसरे का परिचय कराया. जब बात शादी के लिए आगे बढ़ाई तो परिजनों ने विरोध जताया. आखिर में दादी मां ने उन्हें सपोर्ट किया. 2009 में परिजनों को उनके प्यार के आगे झुकना पड़ा और उनकी शादी हो गई. उन्होंने बताया कि पहले वैलेंटाइन डे मनाना इतना आसान नहीं होता था. उनका कहना है कि प्यार करने वालों के लिए कोई एक दिन नहीं बल्कि हर दिन प्यार का दिन होता है.

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बता दें कि वैलेंटाइन डे मनाने के पीछे रोम के एक संत की कहानी है, जिनका नाम वैलेंटाइन था. रोम के राजा क्लाउडियस प्यार के खिलाफ थे. वे प्रेम विवाह का पुरजोर विरोध करते थे, क्योंकि उनका मानना था कि अगर सैनिक प्यार में पड़ेंगे तो उनका दिमाग काम से भटकेगा. इस वजह से उन्होंने सैनिकों के शादी करने पर रोक लगा रखी थी. वहीं, संत वैलेंटाइन प्यार का प्रचार किया करते थे. यही नहीं उन्होंने राजा के खिलाफ जाकर कई शादियां भी करवाई, जिसके कारण राजा क्लाउडियस ने संत वैलेंटाइन को फांसी की सजा सुना दी. जिसके बाद से उस संत की याद में इस दिन को प्यार के इजहार के रूप में मनाया जाने लगा. ये त्योहार सबसे पहले रोम में 496 में एक फेस्टिवल के रूप में शुरू किया गया था. इसके बाद 5वीं शताब्दी में रोम के पोप गेलैसियस ने इसे सेंट वैलेंटाइन डे घोषित कर दिया. इसके बाद से ये पूरी दुनिया में धूम-धाम से मनाया जाता है.

Last Updated : Feb 14, 2023, 6:20 PM IST

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