जयपुर. घरवालों ने मारपीट और परेशान किया, तो उत्तर प्रदेश से अपना घर छोड़कर जयपुर आ गई. यहां अकेली पाकर कुछ लोगों ने उससे गलत काम भी करवाना चाहा. लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुई. इस बीच उसने तीन दिन जयपुर की सड़कों पर भटकते हुए और पार्क की बेंच पर बिताए. तीन दिन बाद किसी तरह निर्भया स्क्वॉयड की टीम लड़की के पास पहुंची और उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. यह कहानी या किसी फिल्म का दृश्य नहीं, बल्कि हकीकत है.
दरअसल, 17 साल की एक नाबालिग लड़की उत्तर प्रदेश में घरवालों की मारपीट और लड़ाई से तंग आकर जयपुर आई और तीन दिन तक सड़क पर भटकने और पार्क में दिन गुजारने के बाद अब उसे निर्भया टीम ने बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया है. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि निर्भया टीम के द्वारा ’ऑपरेशन सेफर सिटी सेफर स्ट्रीट’ अभियान चलाया जा रहा है.
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निर्भया टीम को जानकारी मिली की एक लड़की स्वर्ण जयंती पार्क में दिनभर अकेली बैठी रहती है. इस पर टीम की सदस्य संगीता और शर्मीला स्वर्ण जयंती पार्क पहुंची. जहां एक बेंच पर 17 साल की एक लड़की सोती हुई मिली. बातचीत में उसने बताया कि वह उत्तर प्रदेश की रहने वाली है और घर वाले आए दिन उसके साथ मारपीट व लड़ाई-झगड़ा करते हैं. इससे परेशान होकर वह घरवालों को बिना बताए घर छोड़ जयपुर आ गई. वह तीन दिन पहले जयपुर आई थी.