जयपुर. प्रदेश में छात्र संघ चुनाव पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. शनिवार को जिस तरह का बयान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया, उससे लगता नहीं कि इस साल छात्र संघ चुनाव हो भी पाएंगे. सीएम ने छात्र संघ चुनाव में खर्च हो रहे पैसे और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की धज्जियां उड़ने पर चिंता जाहिर की. साथ ही चुनाव को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव से चर्चा करने की बात कही.
बीते डेढ़ महीने से प्रदेश भर के राजकीय विश्वविद्यालय और सरकारी कॉलेजों विशेषकर राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की सरगर्मियां देखने को मिल रही है. छात्र नेता शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों को एकत्रित करने में पैसा बहा रहे हैं. गाड़ियों का रेला चल रहा है, लेकिन इसका नकारात्मक संदेश सीएम तक पहुंचा है. यही वजह है कि उन्होंने चुनाव घोषित होने से पहले ही छात्र नेताओं की ओर से खर्च किए जा रहे पैसे और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के उल्लंघन को लेकर चिंता जाहिर की है.
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नहीं दिया स्पष्ट जवाब -सीएम अशोक गहलोत ने छात्र संघ चुनाव होंगे या नहीं इस पर भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव ही फैसला करेंगे, हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि जब चुनाव बंद हो गए थे, तब उन्होंने ही चुनाव शुरू करवाए थे. उनसे बड़ा कमिटमेंट चुनाव को लेकर किसी और का नहीं हो सकता. आज जिस तरह से छात्र पैसे खर्च कर रहे हैं, जैसे एमएलए - एमपी के चुनाव लड़ रहे हों. उन्होंने पूछा कि आखिर कहां से पैसा आ रहा है, और इतने पैसे क्यों खर्च किए जा रहे हैं?.
गहलोत बोले यह पसंद नहीं - सीएम गहलोत ने कहा कि छात्र नेता जो लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, उसको पसंद नहीं करते हैं. विधानसभा के चुनाव भी नजदीक आ रहे है. इस दौरान उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि तीन लड़कों ने जोधपुर में रेप किया, वो भी छात्रसंघ चुनाव का कैंपेन करने के लिए जोधपुर आए हुए थे. जिनका ये कैरेक्टर हैं, वो शिक्षा दे रहे हैं. रेप की घटनाएं पूरे हिंदुस्तान में हो रही है, लेकिन राजस्थान पुलिस 2 घंटे, 4 घंटे में ही अपराधियों को पकड़ लेती है.