जयपुर. कोरोना वायरस का संक्रमण देश और दुनिया में बढ़ रहा है. हालांकि राजधानी जयपुर सहित प्रदेश वासियों के लिए राहत की खबर भी है. इसके साथ ही लगातार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है जो कि प्रदेश वासियों के लिए एक राहत भरी खबर भी है. इस बीच कई बार एंबुलेंस चालकों के द्वारा मनमर्जी किराया वसूलने के मामले भी सामने आ चुके हैं.
एंबुलेंस चालकों पर लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम से परिवहन विभाग रखेगा नजर इसको लेकर मनमर्जी का किराया वसूल रही एंबुलेंस के ऊपर कार्रवाई करने में राजस्थान अब मॉडल्स्टेट भी बन गया है. पूरे देश में संभवत राजस्थान ऐसा पहला प्रदेश है जिसने एंबुलेंस के ऊपर कार्रवाई करने के आदेश भी निकाले हैं. इसके साथ ही अब एंबुलेंस वाहनों की लाइव लोकेशन पर भी परिवहन विभाग नजर रख सकेगा. एंबुलेंस वाहनों में लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाने के आदेश भी परिवहन विभाग ने जारी कर दिए हैं.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि एंबुलेंस वाहन चालकों द्वारा निर्धारित किराए से अधिक राशि वसूलने, छोटे रूट के बजाय लंबे रूट से वाहन ले जाने मरीजों के साथ अप्रिय घटना आपराधिक कृत्य जैसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग अब सख्त हो गया है. इन पर लगाम कसने के लिए अब सभी एंबुलेंस वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाए जाएंगे.
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परिवहन विभाग द्वारा एक आदेश भी जारी किया है इसमें सभी एंबुलेंस धारकों को अपने वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाना होगा. इसके साथ ही आदेश में दिया गया है कि सभी प्रादेशिक और जिला परिवहन अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में पंजीकृत एंबुलेंस वाहनों में 30 दिन में जीपीएस लगवाने के सुनिश्चित भी करना होगा. इसमें वाहनों में उसी के निर्माता द्वारा विशेष रूप से अनुमोदित मानक डिवाइस स्थापित किया जाना है. एंबुलेंस वाहनों में पैनिक बटन भी होगा जिसके जरिए सूचना पुलिस और परिवहन विभाग तक पहुंचेगी.
परिवहन मुख्यालय से होगी मॉनिटरिंग-
परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने बताया कि यह व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से जोड़ा जा रहा है. साथ ही वाहन सॉफ्टवेयर से इंटरनेट एवं नेटवर्किंग करते हुए परिवहन मुख्यालय जयपुर स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी. कोविड-19 महामारी में मरीजों और परिजनों के लिए यह प्रयोग कारगर भी साबित होगा.