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पतंगबाजी से घायल पक्षियों का आमजन कैसे करें रेस्क्यू और प्राथमिक उपचार, यहां जानें पूरी डिटेल - घायल पक्षियों का इलाज

पतंगबाजी में घायल पक्षियों को बचाने के लिए एनजीओ के सहयोग से जयपुर शहर में करीब एक दर्जन जगहों पर बर्ड्स ट्रीटमेंट कैंप लगाए गए हैं. आम नागरिक भी घायल पक्षियों की सूचना वन विभाग और एनजीओ के हेल्पलाइन नंबर पर दे सकते हैं और खुद भी उनका प्राथमिक इलाज कर सकते हैं. यहां जानिये पूरी डिटेल.

पतंगबाजी में घायल पक्षी
पतंगबाजी में घायल पक्षी

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 12, 2024, 9:03 PM IST

पतंगबाजी में घायल पक्षियों को कैसे बचाएं ?

जयपुर.राजधानी जयपुर में पतंगबाजी परवान पर है. पतंगबाजी से काफी पक्षी भी घायल हो रहे हैं. घायल पक्षियों की जान बचाने के लिए वन विभाग की ओर से विभिन्न एनजीओ के सहयोग से जयपुर शहर में करीब एक दर्जन जगहों पर बर्ड्स ट्रीटमेंट कैंप लगाए गए हैं. आम नागरिक भी घायल पक्षियों की सूचना वन विभाग और एनजीओ के हेल्पलाइन नंबर पर दे सकते हैं. घायल पक्षियों की जान बचाने में आमजन भी अपना योगदान दे सकते हैं. लोग किस तरह से घायल पक्षी का रेस्क्यू करें और कैसे प्राथमिक उपचार दें. इन सब के बारे में बर्ड्स एक्सपर्ट रोहित गंगवाल ने बताया कि सबसे पहले ब्लड लॉस को रोकने के लिए बीटाडीन का उपयोग करें और फिर सावधानी पूर्वक बर्ड को रेस्क्यू करके शू बॉक्स में रख दें.

पक्षी को तुरंत बॉक्स में डाल कर आइसोलेट करें :ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बर्ड्स एक्सपर्ट रोहित गंगवाल ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर पर घायल पक्षी की सूचना आती है, तो हमारी टीम मौके पर पहुंचती है और प्राथमिक उपचार दिया जाता है. पक्षी के ज्यादा घायल होने पर रेस्क्यू करके सेंटर पर लाया जाता है और तुरंत उसका इलाज शुरू किया जाता है. पक्षियों के लिए इलाज के साथ ही ऑपरेशन थिएटर की भी व्यवस्था की गई है. अगर किसी भी आम नागरिक को कोई घायल पक्षी मिलता है तो उसकी जान बचाने में सहयोग करें. आमजन भी घायल पक्षी को रेस्क्यू करके उपचार शिविर तक पहुंचा सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले शू बॉक्स ले और पक्षी को तुरंत बॉक्स में डाल कर आइसोलेट कर दें. लोग हेल्पलाइन नंबर 9828500065 पर सूचना भी दे सकते हैं.

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सबसे पहले पक्षी का ब्लड रोकने का प्रयास करें :अगर पक्षी ज्यादा दूर है और ब्लड लॉस हो रहा है, तो सबसे पहले पक्षी का ब्लड रोकने का प्रयास करें. ब्लड रोकने के लिए बीटाडीन का उपयोग करें. अगर टीम को पहुंचने में समय लग रहा है, तो पक्षी को प्राथमिक उपचार के बाद शू बॉक्स में रख दें. पक्षी को दोनों हाथों से सुरक्षित तरीके से पकड़ें. पक्षी के दोनों पंजों को उंगलियों के बीच में निकाल ले, जिससे पक्षी का पंजा रेस्क्यू करने वाले को नहीं लगेगा, इस तरह आराम से पक्षी का रेस्क्यू किया जा सकता है.

आमजन से की अपील :रोहित गंगवाल ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सुबह 6:00 से 8:00 तक और शाम को 5:00 से 7:00 तक पतंगबाजी न करें. बची हुई डोर को कचरा पात्र में ही डालें. ऐसा करने पर बहुत सारे पक्षी घायल होने से बच सकते हैं. चाइनीज मांझे का उपयोग बिल्कुल न करें. अगर कहीं पर चाइनीज मांझा दिखे तो तुरंत इसकी शिकायत करें. चाइनीज मांझे का उपयोग करना और बेचना गैरकानूनी है. मकर संक्रांति पर रोजाना करीब 500 से 600 पतंगबाजी में घायल पक्षी रक्षा संस्थान के कैंप पर आते हैं. पक्षियों की सर्जरी के लिए करीब 40 वेटरनरी डॉक्टरों की टीम कैंप में मौजूद है.

एक्सपर्ट की ओर से पक्षियों का इलाज :इको रेस्क्यूर्स फाउंडेशन के सचिव डॉक्टर गौरव चौधरी ने बताया कि इको रेस्क्यूर्स फाउंडेशन की तरफ से हर वर्ष मकर संक्रांति के त्योहार पर पक्षियों के लिए निशुल्क पक्षी चिकित्सा शिविर का आयोजन मालवीय नगर स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर पर किया जाता है. शिविर में मांझे से घायल पक्षियों का इलाज पक्षियों के विशेषज्ञ की ओर से किया जाता है. इस वर्ष यह कैंप 13 से 15 जनवरी तक लगाया जा रहा है. अगर कहीं भी कोई घायल पक्षी दिखे तो संस्था के हेल्पलाइन नंबर 9887345580 पर संपर्क कर सकते हैं.

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