जयपुर. बीवीजी कंपनी के भुगतान और सफाई की वैकल्पिक इंतजाम के मुद्दे पर ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर और कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह के बीच हुए विवाद में नया मोड़ आ गया है. राज्य सरकार ने मामले में दोषी मानते हुए महापौर और तीन पार्षदों को तुरंत प्रभाव से पद से निलंबित करने का आदेश जारी किया हैं.
आदेशों में महापौर कार्यालय कक्ष में आयुक्त नगर निगम जयपुर ग्रेटर के साथ मारपीट, धक्का-मुक्की करने, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए राजकीय कार्य में बाधा डालने से संबंधित प्रकरण का जिक्र किया गया है. मामले की जांच कर रही क्षेत्रीय उपनिदेशक द्वारा राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (i)(घ)(ii)(iii)(vi) में वर्णित कृत्यों के लिए महापौर सौम्या गुर्जर, पार्षद पारस जैन, अजय सिंह चौहान और शंकर शर्मा को पूर्णतया दोषी और उत्तरदायी माना है.
राज्य सरकार द्वारा उनके विरुद्ध राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(3) के अंतर्गत न्यायिक जांच कराए जाने का निर्णय लिया गया है. आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि महापौर और पार्षदों पर आरोप गंभीर हैं. उनके पद पर बने रहने से न्यायिक जांच प्रभावित होने की पूर्ण संभावना है. ऐसे में राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने महापौर सौम्या गुर्जर सहित तीनों पार्षदों को ग्रेटर निगम के पद से तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया है.
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