जयपुर.शहर में काफी संख्या में बिल्डर हैं जो इंसानों के रहने के लिए बहुमंजिला और खूबसूरत इमारतें तैयार करते हैं. लोग अपने सपनों के आशियाने को साकार करते हुए महंगे, लग्जरी फ्लैट्स खरीदते हैं. लेकिन इन गगनचुंबी इमारतों के बीच कई परिंदों के आशियाने उजड़ भी जाते हैं. ऐसे में इन बेजुबान परिंदों के लिए आशियाना गढ़ने का काम कर रहा है जयपुर का 'अपना संस्थान'. संचालक अशोक कुमार की अगुवाई में इस संस्थान के सदस्य अब तक लाखों 'बर्ड फ्लैट्स' बना चुके हैं. लोग इनका काम देखकर प्रेरणा लेते हैं और अपने घरों में बर्ड फ्लैट्स को अपनाकर पक्षियों की देखभाल करने लगे हैं.
परिंदों को घर दे रहा अपना संस्थान
सर्दी का दौर शुरू हो गया है. जयपुर में भी गुलाबी ठंड का असर दिखाने लगा है. सर्दी से बचने के लिए एक अदद घरौंदे की तलाश में पंछी इमारतों के जंगल में भटकते हैं. ऐसे में परिंदो की देखभाल कर रहा है 'अपना' संस्थान. दुनियाभर में जब लोग अपने लिए घर बनाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसे में 'अपना संस्थान' परिंदों के लिए सुंदर और रंगीन फ्लैट्स का निर्माण कर रहा है.
5 BHk तक के फ्लैट्स
ये बर्ड फ्लैट्स 1 BHK से लेकर 5 BHK तक के हैं. जो रंग-बिरंगे और डिजाइनों में बनाए जाते हैं. पक्षियों को संरक्षण देने के लिए 5 तरह के बर्ड फ्लैट्स बनाए जा रहे हैं. जिसमें गत्ते के घर 7 रुपए में बनकर तैयार होता है. ऐसे करीब डेढ़ लाख बर्ड हाउस बनाकर निःशुल्क बांटे जा चुके हैं. इसके अलावा मिट्टी के भी बर्ड हाउस बनाए गए हैं, जो सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडे रहते हैं. लकड़ियों से बनाए गए आशियानों को 1 BHK से लेकर 5 BHK फ्लैट्स नाम दिया गया है, क्योंकि उनमें 5 स्टैंड एक साथ बनाए जाते है. पक्षियों के घरौंदों के लिए सीवरेज के वेस्ट पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है और घर की दीवारों में जगह निकाल कर भी आशियाने बनाए जा रहे हैं.