जयपुर. प्रदेश के तृतीय श्रेणी शिक्षक पिछले करीब 4 सालों से तबादलों का (Teachers again demand transfer in Rajasthan) इंतजार कर रहे हैं. बीते दिनों शिक्षा विभाग की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं करने की बात कही गई. जिसके बाद से तृतीय श्रेणी शिक्षकों में आक्रोश है. विरोध के चलते अब एक बार फिर 25 दिसम्बर को राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर तृतीय श्रेणी शिक्षक जुटेंगे और इस बार उन्होंने सरकार से आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी है. आंदोलन को सफल बनाने के लिए शिक्षक संगठन शादी के निमंत्रण कार्ड की तरह आमंत्रण पत्र बांट रहे हैं.
कोई हाड़ौती में पदयात्रा निकाल रहा है, कोई जोधपुर में रथयात्रा. बावजूद इसके सरकार थर्ड ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर नहीं कर रही है. ऐसे में अब तृतीय श्रेणी अध्यापकों के ट्रांसफर की मांग को लेकर 25 दिसंबर को अध्यापक दोबारा जुटने जा रहे हैं. राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेश प्रवक्ता डॉ रनजीत मीणा ने बताया कि शिक्षक पहले भी तबादला मांग को लेकर करीब 6 बार शहीद स्मारक पर प्रदर्शन कर चुके हैं.
तबादलों की मांग को लेकर 25 दिसंबर को फिर जुटेंगे तृतीय श्रेणी शिक्षक. इसे भी पढे़ं - वरिष्ठ शिक्षकों के तबादलों की मांग हुई तेज, राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ 7 से देगा धरना, अनशन की भी चेतावनी
लेकिन सरकार से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने से अब एक बार फिर शिक्षक ध्यानाकर्षण कराने के लिए प्रदर्शन करने जा रहे हैं. इस आंदोलन को अध्यापक तबादला आक्रोश रैली नाम दिया गया है. वहीं राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल सिंह दादरवाल ने बताया कि 25 तारीख के आंदोलन को लेकर शिक्षकों की ओर से निमंत्रण पत्र बांट कर शिक्षकों को आंदोलन में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. इस बार शिक्षक आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. 25 तारीख के आंदोलन को लेकर शिक्षकों की ओर से निमंत्रण पत्र बांट कर शिक्षकों को आंदोलन में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है.
बता दें कि राजस्थान में चार साल के लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगस्त 2021 को थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. करीब 85 हजार शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किए थे, लेकिन इसके बाद भी उनके तबादले नहीं किए गए. शिक्षा मंत्री तबादला नीति पारित होने के बाद ही थर्ड ग्रेड के शिक्षकों का तबादला किए जाने की बात कहते रहे. लेकिन इस घोषणा के बाद 85 हजार आवेदन रद्दी हो गए.