जयपुर.राजस्थान के युवा बेरोजगारों का विश्वास प्रदेश की कांग्रेस सरकार से उठ (Third day of Dandi Yatra in Gujarat) चुका है. यही वजह है कि अब जिस तरह सरकार के भी सभी फैसले कांग्रेस आलाकमान की ओर से लिए जा रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के बेरोजगारों ने भी उसी आलाकमान का रुख करते हुए राजस्थान से बाहर निकल कर अपने आंदोलन को तेज किया है. कोई दांडी यात्रा निकाल रहा है, तो कोई साइकिल यात्रा. अब इन बेरोजगारों को दूसरे युवाओं का समर्थन भी मिल रहा है.
विभिन्न लंबित भर्तियां और भर्तियों में होने वाली विसंगतियों को दूर करने की मांगों को लेकर 3 दिन से दांडी यात्रा कर रहे बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार की तानाशाही और लापरवाही के विरोध में युवा बेरोजगारों की गुजरात में दांडी यात्रा जारी है. इस यात्रा में अब युवाओं के हाल बिगड़ रहे हैं. उनके पैरों में छाले पड़ रहे हैं. कई बीमार हो चुके हैं, फिर भी सरकार की तानाशाही कम नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि ये तानाशाही आजादी से पहले अंग्रेजों की याद दिलाती है. जबकि कांग्रेस के नेता कहते हैं कि वो गांधी जी के अनुयायी हैं, उनके पद चिन्हों पर चलते हैं. यहां प्रदेश का युवा बेरोजगार खुद गांधीजी बनकर उनके पद चिन्हों पर चलते हुए अपनी मांगों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.
उपेन ने कहा कि पहले राजस्थान में भी कई धरने प्रदर्शन किए गए. लेकिन सीएम से मुलाकात नहीं हुई (Rajasthan Jobless Youths Dandi Yatra) और न ही कोई मांगे मानी गईं. इन दिनों प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता आलाकमान-आलाकमान कहते हैं. कांग्रेस के उसी आलाकमान की नजर गुजरात चुनाव पर है. यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सुपर सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया है और 11 मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है. ऐसे में वोट की चोट के लिए और युवाओं की आवाज को बुलंद करने के लिए गुजरात का रुख किया है. यहां स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि वास्तव में कांग्रेस गांधीजी की असली अनुयायी है, या सिर्फ उनके नाम पर वोट लेती है.
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