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दीक्षांत समारोह: मुख्य अतिथि सीईसी सुनील अरोड़ा ने युवाओं के स्किलफुल होने पर दिया जोर

राजधानी की चाकसू में निवाई स्थित डॉ. केएन मोदी विश्वविद्यालय में शनिवार को तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में मुख्य अतिथि भारत सरकार के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने युवाओं को नए इंडिया का स्तंभ बताते हुए संस्थानों में नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क अनुसार पाठ्यक्रम बनाने के लिए कहा. स मौके पर उन्हें मानद उपाधि से सम्मानित किया गया और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया.

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सीईसी सुनील अरोड़ा ने युवाओं के स्किलफुल होने पर दिया जोर

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Published : Feb 16, 2020, 12:09 AM IST

चाकसू (जयपुर). राजधानी की चाकसू में निवाई स्थित डॉ. केएन मोदी विश्वविद्यालय में शनिवार को तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में मुख्य अतिथि भारत सरकार के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने युवाओं को नए इंडिया का स्तंभ बताते हुए संस्थानों में नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क अनुसार पाठ्यक्रम बनाने के लिए कहा. डॉ. केएन मोदी यूनिवर्सिटी में दिए गए दीक्षांत उद्बोधन में उन्होंने युवाओं को स्किलफुल बनाने और ऐसा करके युवाओं की ओर से कम से कम 10 लोगों को रोजगार देने पर जोर दिया. इस मौके पर उन्हें मानद उपाधि से सम्मानित किया गया और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया.

सीईसी सुनील अरोड़ा ने युवाओं के स्किलफुल होने पर दिया जोर

सीईसी सुनील अरोड़ा ने कहा कि न्यूकिमिया से पीड़ित स्टूडेंट के ईमेल का जिक्र करते हुए उसकी बातों से मनोबल बढ़ने की बात कही और युवाओं को नए भारत का स्तंभ बताया. उन्होंने मजाकिया अंदाज में खुद को कम प्रशिक्षित सिविल सर्वेंट बताते हुए कहा कि मैंने शुरुआत से लेकर एमए तक की पढ़ाई होशियारपुर में की, जो कि टोंक से भी बड़ा नहीं है. साथ ही कहा कि मैं पढ़ने ऑक्सफोर्ड या कैंब्रिज नहीं गया लेकिन मैंने सफलतापूर्वक सिविल सर्वेंट का जीवन बिताया.

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उन्होंने बताया कि जब उन्हें स्किल डेवलपमेंट का नया विभाग बनाकर चार्ज दिया गया तो जिन से चार्ज लिया उनकी ओर से दी गई ब्रीफिंग से मैं खुश नहीं था लेकिन तब मैंने निर्णय किया कि विभाग में रहते हुए मुझे 75 प्रतिशत समय में स्टेकहोल्डर्स से संपर्क करना चाहिए. वहां बिताए गए मेरे 4 महीने सबसे ज्यादा अच्छे अनुभव वाले थे लेकिन इस विभाग में काम करते हुए मुझे ऐसे लोगों से मिलने का मौका मिला, जिन्होंने विदेश में पढ़ाई की और देश में पेशेवर ढंग से जॉब की या अपना व्यवसाय खोला.

उन्होंने कहा कि हमारे पास एक्सीलेंस के कई आईलैंड या आयाम हो सकते है, लेकिन स्किल्ड होना बेहद जरूरी है. अपने उद्बोधन में उन्होंने विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लेने वाले स्वामी विवेकानंद और शिक्षा के अधिकार के लिए तालिबान को ललकार ने वाली मलाला यूसुफजई जैसी शख्सियतों का जिक्र किया और यह भी बताया कि किस तरह बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत युवा काम छोड़कर देश में स्वरोजगार की ओर बढ़ रहे हैं.

उन्होंने यूनिवर्सिटी सहित तमाम संस्थानों में पाठ्यक्रम नेशनल स्किल्ड क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के आधार पर बनाने की अपील करते हुए कहा कि गांधीजी से लेकर अजीमप्रेमजी तक ने समाज को कुछ देने की अपील की है. सीईसी अरोड़ा ने आह्वान किया कि 10 डिग्री होल्डर में कम से कम एक डिस्ट्रक्टर यानी रोजगार देने वाला युवा होना चाहिए.

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इस मौके पर संस्थान के मेंटर आर के खंडाल ने बताया कि किस तरह संस्थान में एक ऐसा सेंटर विकसित किया है, जिसमें बच्चे डिवाइस तोड़फोड़ करके जोड़ते हैं या नया डिवाइस बनाते हैं. उन्होंने भविष्य में नक्षत्र पार्क बनाने की योजना की भी जानकारी दी. इस मौके पर अतिथियों को स्मृति चिह्न दिया गया. वहीं, समारोह के विशिष्ट अतिथि और सीमैट वीसी और डीआरडीओ के पूर्व निदेशक आर के शर्मा ने उद्बोधन दिया. इस दौरान अरोड़ा के उद्बोधन से पहले उनका साइटेशन पढ़ा गया. समारोह में 434 छात्रों को डिग्रियां और 122 को डिप्लोमा दिया गया.

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