जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए सुनवाई की. कोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि उन्होंने शहर की सफाई, अतिक्रमण, यातायात, पार्किंग और आवारा पशुओं के संबंध में सुधार के लिए क्या कार्रवाई की?. वहीं अदालत ने नगर निगम को हिदायत देते हुए कहा कि वह अदालत में शपथ पत्र पेश करने से पहले उसके तथ्यों की सत्यता की जांच कर ले. ऐसा नहीं हो की तथ्य गलत हो और कोर्ट संबंधित अधिकारी पर हर्जाना लगाए. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर दिए.
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि शहर में सफाई की सही व्यवस्था नहीं है. वहीं नगर निगम की ओर से एएजी अनिल मेहता ने कहा कि हर एक किमी की दूरी पर एक सफाईकर्मी लगा दिया है और शहर में मशीन से सफाई करवा रहे हैं. वहीं सफाईकर्मियों पर निगरानी के लिए हर वार्ड में एक निरीक्षक भी तैनात किया है और नगर निगम आयुक्त भी शहर के इलाकों में आकस्मिक दौरा कर रहे हैं. एएजी की ओर से इन तथ्यों के साथ अदालत में शपथ पत्र भी पेश करना चाहा.