जयपुर. शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर हुए तबादलों के बाद प्रदेश भर में विरोध के स्वर भी तेज हो गए है. प्रिंसिपल और व्यख्याताओं का तबादला निरस्त करने की मांग को लेकर कई छात्र-छात्राओं ने स्कूल में ताले जड़े तो कई लोगों ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
बता दें कि 30 सितंबर तबादलों की अंतिम तिथि थी, लेकिन उसके बाद भी बैक डेट में तबादलों का सिलसिला जारी है. 29 सितंबर से अब तक लगभग 10 हजार प्रिंसिपल और व्यख्याताओं के तबादले हो चुके है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने तबादलों पर सफाई देते हुए कहा की तबादला उन्ही शिक्षकों का किया गया है जो राजनीतिक रूप से प्रताड़ित थे.
मंत्री ने कहा की अगर किसी का गलत स्थानांतरण हुआ है तो उसके लिए ऑनलाइन परिवेदना मांगी है. शिक्षक ऑनलाइन परिवेदना भर सकता है और उसका निस्तारण किया जाएगा. मंत्री ने पूर्व बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की पूर्व में तो भारतीय भवन से चिट्टी आती थी और उस आधार पर ट्रांसफर होते थे.