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संस्कृत विश्वविद्यालय में स्थापित होगा वैदिक जल अनुसंधान केंद्र : केंद्रीय मंत्री शेखावत - Union Minister Gajendra Singh Shekhawat

जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में मंगलवार को ज्ञान-विज्ञान संकाय के भवन का शिलान्यास हुआ. इस दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वैदिक जल के अनुसंधान करने पर जोर दिया.

Rajasthan Sanskrit University
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 26, 2023, 10:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में वैदिक जल के अनुसंधान पर काम होना चाहिए. साथ ही यहां वैदिक जल का अनुसंधान केंद्र बनना चाहिए, ये कहना है केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का. मंगलवार को शेखावत जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में सांसद कोष से बनने वाले आधुनिक ज्ञान-विज्ञान संकाय के भवन के शिलान्यास समारोह में पहुंचे थे. यहां उन्होंने वैदिक जल अनुसंधान केंद्र बनाने के लिए विश्वविद्यालय को प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को पेश करने को कहा. साथ ही आश्वस्त किया कि भारत सरकार प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी.

हिंदी की पहचान पूरे विश्व में बढ़ी : प्रदेश के संस्कृत विश्वविद्यालय में आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय भवन बनाने के लिए जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने विश्वविद्यालय को सांसद कोष से 50 लख रुपए उपलब्ध करवाए हैं, जिसका मंगलवार को शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया. शिलान्यास समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज संस्कृत के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण हिन्दी की पहचान पूरे विश्व में बढ़ी है. पीएम अपने विदेशी कार्यक्रमों में अधिकाधिक रूप से हिंदी में ही बात करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने जो ज्ञान हमें जीवन विज्ञान के रूप में दिया, अब समय आ गया है कि हम समाज में उसका प्रयोग विज्ञान के रूप में करते हुए निखारें.

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योग और आयुर्वेद विज्ञान से विश्व की उम्मीद : इस दौरान मौजूद रहे सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि भारत की प्रतिष्ठा का सबसे बड़ा कारण संस्कृत में लिखा विपुल साहित्य ही है. आज संस्कृत पूरे विश्व में बढ़ रही है. योग और आयुर्वेद विज्ञान की ओर विश्व आशा भरी निगाहों से देख रहा है. इस दौरान उन्होंने संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से शुरू किए गए निशुल्क पाठ्यक्रमों में 60 हजार से भी ज्यादा लोगों ने आवेदन करने को कुलपति प्रो. रामसेवक दुबे का ऐतिहासिक कार्य बताया. समारोह में महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और त्रिवेणी के महंत रामरिछपालदास भी उपस्थित रहे.

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