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जयपुरः चिड़ियाघर में चूहों का आतंक, पक्षियों के दाने पर डाल रहे डाका

जयपुर के चिड़ियाघर में इन दिनों चूहों का आतंक देखने को मिल रहा. वन अधिकारियों की नाक के नीचे चूहे पक्षियों के पिंजरे को खोखला कर रहे है. इससे पक्षियों के अंडे और चूजों को भी नुकसान पहुंच रहा है.

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जयपुर के चिड़ियाघर में चूहों का आतंक, पक्षियों के पिंजरे में बनाए बिल, पक्षियों के दाने पर संकट

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Published : Jan 2, 2021, 11:38 AM IST

जयपुर. शहर के चिड़ियाघर में चूहों का आतंक बढ़ता जा रहा है. चूहे लगातार पक्षियों के पिंजरो में बिल बना रहे हैं. वहीं एक तरफ वन्यजीव संरक्षण और पक्षियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. वन अधिकारियों की नाक के नीचे चूहे पक्षियों के पिंजरे को खोखला कर रहे है. इससे पक्षियों के अंडे और चूजों को भी नुकसान पहुंच रहा है.

प्रदेश के पहले चिड़ियाघर के हालात काफी खराब नजर आ रहे हैं. एक ओर जहां पक्षियों के अधिकतर पिंजरे वीरान पड़े हैं, तो वहीं दूसरी ओर विभाग की नाकामयाबी देखने को मिल रही है. पक्षियों के घरों में चूहों का आतंक होने से दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों पर मुसीबत आ गई है. चूहों ने पक्षियों के पिंजरा में जगह जगह पर गड्ढे खोदकर खोखला कर दिए है. आलम यह हो चुका है कि चिड़ियाघर में आने वाले पर्यटकों को पक्षियों से ज्यादा चूहे दिखाई दे रहे है.

जयपुर के चिड़ियाघर में चूहों का आतंक, पक्षियों के पिंजरे में बनाए बिल, पक्षियों के दाने पर संकट

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चूहों की वजह से पक्षियों के पिंजरे में पानी भी बदबू मार रहा है. इस गंदगी की वजह से संक्रमण का खतरा बना हुआ है. इसके अलावा चूहे पक्षियों के भोजन पर भी धावा बोल रहे हैं. पक्षियों को डाले जाने वाला दाना भी यहां तक की चूहे खा जाते हैं. इससे पक्षियों के खाने पर भी संकट खड़ा हो गया है और इसके साथ ही संक्रमण का भी खतरा बढ़ रहा है. बता दें कि चूहों के प्रकोप के चलते चिड़ियाघर में पक्षियों के अंडे और चूजे सुरक्षित नहीं है, वहीं इस पूरे मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रामनिवास बाग परिसर में चारों तरफ चूहे है जिसकी वजह से चिड़ियाघर में भी चूहे घुस रहे हैं.

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जानकारी के अनूसार चूहों को रोकने के लिए विभाग की ओर से काफी उपाय किए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी कच्चे फर्श वाले पिंजरे में चूहे बिल बना लेते हैं वहीं पक्के फर्श वाले पिंजरो में भी बड़े चूहे भूमिगत सुरंगनुमा बनाकर अंदर आ जाते हैं. विभाग द्वारा काफी जगह चूहों को रोकने के लिए बिलो को बंद करवाया गया है और कांच के टुकड़े भी भरवाए जा रहे हैं. कच्चे फर्श को पक्का करवाया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद चूहे नहीं रुक रहे. इसको देखते हुए धीरे-धीरे समस्या पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है.

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चूहों से कई प्रकार के संक्रमण फैलने का भी खतरा रहता है. बता दें कि हाल ही में जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भी चूहों की वजह से कई बिग कैट्स की मौत हो चुकी है. बताया जाता है कि चूहों से लेप्टोस्पायरोसिस वायरस फैलने का खतरा रहता है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पिछले वर्ष शेर सिद्धार्थ और बाघिन रंभा के शावक रिद्धि की मौत हुई थी. जिसमें लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी होने की पुष्टि हुई थी. लेप्टोस्पायरोसिस वायरस चूहे और गिलहरी के पेशाब से फैलता है.

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