जयपुर. दीपावली के 15 दिन बाद आने वाले पर्व देव दिवाली मंगलवार को मनाई जा रही है. कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान कर दीपदान करने की एक परंपरा है. वहीं इस दिन तीर्थ स्थलों पर सरोवर में स्नान करने का भी महत्व है. साथ ही मंदिर, नदी के घाटों पर दीए जलाकर रोशन किया जाता है. ऐसे में छोटी कांशी जयपुर के गलताजी में श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे और चमत्कारेश्वर मंदिर में 5100 दीपदान कर महाआरती की जाएगी.
जयपुर में देव दिवाली के अवसर पर दीपदान से रोशन होंगे मंदिर बताया जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही स्नान, दान और पुण्य के लिए विशेष महत्व माने जाने वाले कार्तिक मास का आज समापन होगा. इस मौके पर गलताजी सहित अन्य पवित्र स्थलों पर मास के आखिरी दिन श्रद्धालु सुबह स्नान करेंगे. इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताय कि इस दिन ग्रह गोचर में सूर्य, मंगल, बुध की त्रिग्रही युति रहेगी. वहीं तुला राशि में सूर्य, मंगल, बुध की युति रहेगी. यह युति मंगल दायित्व योग्य बुधादित्य योग कहलाता है. इस युति के चलते जनमानस धर्म कार्य के लिए निर्विघ्न होंगे. रात को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेगा. वहीं अगले दिन से मार्गशीर्ष से कृ. मास की शुरुआत होगी.
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छोटी काशी के मंदिरों में देव दिवाली मनाई जाएगी. सभी मंदिरों में घी के दीपक जलाए जाएंगे. भगवान श्री हरि के स्वर्ग लोक में पधारने की खुशी में देवता दीपक जला कर उनका अभिनंदन करेंगे. ऐसे में झोटवाड़ा स्थित चमत्कार मंदिर में देर शाम 5100 दीपक जलाकर महाआरती की जाएगी. वहीं गोपीनाथ जी मंदिर, लाड़लीजी, चिंताहरण, राधा राधादामोदर सहित कई मंदिरों में दिवाली पर दीपदान होगा. मान्यता है की इस दिन शंकर भगवान ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. इस खुशी में देवताओं ने इस दिन स्वर्ग लोक में दीप जलाकर जश्न मनाया. इसके बाद से हर साल इस दिन को देव दिवाली के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है.
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इस मौके पर गोविंद देव जी मंदिर में रात करीब 8 बजे रास पूर्णिमा के विशेष झांकी होगी. अन्य झांकियों का समय यथावत रहेगा. ठाकुर जी को सुनहरे पारचे की पोशाक धारण कराई जाएगी. मावा, लड्डू और खीर का भोग अर्पित किया जाएगा. इस अवसर पर ठाकुर जी के रास का खाट सजाया जाएगा साथ ही शतरंज की झांकी भी होगी. दूध, पान, इत्रदान ठाकुर जी की सेवा में अर्पित किए जाएंगे. वहीं लाइफ लाइन सोसायटी की ओर से गोविंददेव जी मंदिर में 1001 तुलसी के पौधे वितरित किए जाएंगे और इसके फायदों के बारे में बताया जाएगा.