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शिक्षक, बच्चे और पालक तीनों जीवन के त्रिकोण हैं: पंडित विजय शंकर - Principal and Teachers Award 2019

शिक्षकों के सम्मान में 'प्रिंसिपल एंड टीचर्स' अवार्ड 2019 का आयोजन मंगलवार को बिरला सभागार में हुआ. समारोह के 8वें संस्करण में लाइफ मैनेजमेंट गुरु पंडित विजय शंकर मेहता ने 'शिक्षा संस्कार त्रिकोण' विषय पर व्याख्यान दिया. उन्होंने बताया कि देश में शिक्षा का गलत उपयोग हो रहा है, साल में अगर 50 अपराध हो रहे हैं तो उसमें से 45 पढ़े लिखे लोगों की ओर से हो रहे हैं.

प्रिंसिपल एंड टीचर्स अवार्ड 2019, Principal and Teachers Award 2019

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Published : Sep 3, 2019, 9:02 PM IST

जयपुर. शिक्षकों के सम्मान में 'प्रिंसिपल एंड टीचर्स' अवार्ड 2019 का आयोजन मंगलवार को बिरला सभागार में हुआ. लाइफ स्टाइल मैगजीन सिम्पली जयपुर, थार सर्वोदय संस्थान और रघु सिन्हा माला माथुर चैरिटी ट्रस्ट के तत्वाधान में इस समारोह के 8वें संस्करण में लाइफ मैनेजमेंट गुरु पंडित विजय शंकर मेहता ने 'शिक्षा संस्कार त्रिकोण' विषय पर व्याख्यान दिया.

'प्रिंसिपल एंड टीचर्स' अवार्ड 2019 का हुआ आयोजन

पंडित विजय शंकर मेहता ने कहा कि आज तकनीकी शिक्षा प्रभावी होती जा रही है. हम सभी को जिंदगी को कैसे जीना है यह भूलते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले टेलीविजन एक हुआ करता था वह भी ड्राइंग रूम में लेकिन अब तो हर कमरे का हिस्सा बना हुआ है. टेक्नोलॉजी के इस दौर में आज सभी गूगल को अपना गुरु मान चुके है. पंडित विजय शंकर ने कहा कि गूगल पर एक क्लिक दबाने से सारी जानकारी तो मिल जाएगी, लेकिन जो ज्ञान है वह नहीं मिल पाएगा. जीवन में ज्ञान सिर्फ गुरु से ही मिलता है.

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लाइफ मैनेजमेंट गुरु ने बताया कि देश में शिक्षा का गलत उपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि साल में अगर 50 अपराध हो रहे हैं तो उसमें से 45 पढ़े लिखे लोगों की ओर से हो रहे हैं. शिक्षक, बच्चे और पालक ये तीनों त्रिकोण है, सिर्फ अच्छे शिक्षण संस्थान में भेजना ही पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि पालक जिम्मेदार होकर बच्चों को जीना सिखाए तभी बच्चों की सही शिक्षा हो सकेगी. शिक्षण संस्था पैसा कमाना सिखाते हैं, लेकिन माता-पिता की शिक्षा जीवन की चुनौती से लड़ना सिखाती है.

वहीं इस सम्मान समारोह में जयपुर और राजस्थान के विभिन्न शहरों और ग्रामीण इलाकों के शिक्षण संस्थान, जिसमें भारती फाउंडेशन के सहयोग से जोधपुर, बाड़मेर, पाली, टोंक, अजमेर और दिल्ली से करीब 125 प्रिंसिपल और टीचर्स को शिक्षा के क्षेत्र में उनके ओर से दिए गए उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया.

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