जयपुर. शहर में चल रहे धरने को बुधवार को 118 दिन पूरे हो चुके है. गांधी जयंती के अवसर पर चयनित शिक्षकों ने गांधी के रूप में धरने पर सांकेतिक प्रदर्शन किया और यह बताया कि गांधी जी के बताए आदर्शों पर चलते हुए चयनित शिक्षक 118 दिन से लगातार धरना दे रहे हैं. लेकिन सरकार का कोई प्रतिनिधि अभी तक इनसे वार्ता करने के लिए आगे नहीं आया है.
इतना लंबा धरना शायद गांधी जी ने भी अंग्रेजों के समय नहीं दिया होगा. यह तो हमारी अपनी लोकतांत्रिक सरकार है फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही. आखिर कब सरकार की आंख खुलेगी और कब वह चयनित शिक्षकों के दर्द को समझ कर इनके नियुक्ति आदेश जारी करेगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1998 में राजस्थान सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी. इसमें शिक्षकों का चयन मेरिट के आधार पर होना था. लेकिन 1998 शिक्षक भर्ती की वरीयता सूची में से कम अंक वाले अभ्यर्थी नियुक्ति पा चुके हैं, जबकि अधिक अंक वाले अभ्यर्थी 21 साल बाद भी नियुक्ति की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
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इन 21 सालों में इन अभ्यर्थियों ने अधिक वरीयता होने के बावजूद भी इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई. इसके लिए इन्होंने 21 सालों में समय-समय पर धरने प्रदर्शन, रैलिया, आमरण अनशन के साथ-साथ विभिन्न नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के समक्ष अपनी बात रखी. इनकी समस्या का समाधान करने के लिए एक के बाद एक सरकार की ओर से चार बार कमेटियां बनाई गई. साथ ही 2 बार इनके लिए नियुक्ति आदेश भी जारी किये गए, लेकिन इन सब के बावजूद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया और आज भी यह लोग मेरिट लिस्ट में उच्च स्थान रखने के बावजूद भी बेरोजगार हैं.
पिछली बार विधानसभा में भी करीब 10 विधायकों ने पुरजोर तरीके से इनके नियुक्ति की मांग को सदन में उठाया लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही सरकार की तरफ से नहीं हुई है और ना ही इन्हें कोई आश्वासन मिला है. चयनित शिक्षकों की जिद है कि जब तक हमारा नियुक्ति आदेश नहीं होगा हम निरंतर धरना जारी रखेंगे. चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी भी सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. जिला शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि 1998 की वरीयता सूची नियुक्ति से वंचित रहे कुछ वरीयता प्राप्त भर्तियों को नियुक्ति देने की हम पूरी तैयारी कर चुके हैं.