जयपुर.राजधानी के जवाहर नगर थाना इलाके में अंधविश्वास की पराकाष्ठा में खौफ की एक ऐसी दास्तां सामने आई है, जिसके बारे में जान आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. असल में इस वारदात का मास्टरमाइंड के एक तांत्रिक बाबा है, जिसने पहले तो व्यापारी परिवार को झांसे में लिया और आहिस्ते-आहिस्ते परिवार से तंत्र-मंत्र के नाम पर सात लाख रुपए ऐंठे. इसके बाद व्यापारी की पत्नी और बेटे को मुंबई बुलाकर उन्हें अगवा कर लिया और अब बतौर फिरौती एक करोड़ रुपए की मांग कर रहा है.
शिकायतकर्ता व्यापारी ने बताया कि पहले वो मुंबई जाकर थाने में मामला दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. इसके बाद दिसंबर माह में जब परिवादी ने जयपुर में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की तो जयपुर पुलिस ने भी मामला दर्ज नहीं किया. जिस पर परिवादी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट के दखल के बाद सोमवार रात को राजधानी के जवाहर नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया.
प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी किशनपाल ने बताया कि राजापार्क निवासी 36 वर्षीय हीरे-जवाहरात कारोबारी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है. परिवादी अपनी पत्नी (32) और बेटे (10) के साथ रहता था. कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर समय परिवार का समय पूजा-पाठ में बीतता था और ज्ञान प्राप्त करने के लिए परिवादी की पत्नी ने यू-ट्यूब पर कुछ वीडियो देखे, जिसमें एक वीडियो आशीष अघोरी नाम के बाबा का भी था और वीडियो के अंत में बाबा ने खुद का नंबर भी दे रखा था.
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जानें बाबा ने कैसे फंसाया: परिवादी की पत्नी ने वीडियो में दिए नंबर पर संपर्क किया तो बाबा ने वीडियो कॉल कर परिवादी की पत्नी को मां भगवती का रूप बताया. इसके बाद बाबा ने अपने बातों के जाल में परिवादी की पत्नी को फंसा लिया और परिवादी की आर्थिक स्थिति को मजबूत देखकर उससे रुपए ऐंठने की प्लानिंग की. परिवादी की पत्नी को बाबा लगातार वीडियो कॉल कर पंचतंत्र की साधना सिखाने का झांसा देने लगा और जयपुर आकर दीक्षा देने की बात कही. जनवरी 2022 में बाबा अपने साथ कुछ चीजों को लेकर जयपुर पहुंचा और परिवादी के घर पर पूजा पाठ करने का ढोंग कर दो बार में कुल 4.51 लाख रुपए हड़प लिए.
इसके बाद बाबा ने फरवरी माह में परिवादी और उसकी पत्नी को इलाहाबाद बुलाकर महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने का झांसा देकर एक लाख और शिवरात्रि पर परिवादी के घर पहुंच पूजा पाठ कराने के नाम पर एक लाख रुपए हड़प लिए. नवंबर माह में जब परिवादी काम खत्म कर घर लौटा तो पत्नी और बेटे गायब मिले, जब उनसे फोन पर बात की तो पता चला कि बाबा ने दोनों को मुंबई बुलाया है और एक आदमी उन्हें अपने साथ मुंबई ले जा रहा है.
मुंबई पहुंचने पर खुली पोल:परिवादी की पत्नी और बेटा जब 5 दिन बाद वापस मुंबई से जयपुर नहीं लौटे तो परिवादी अपने साले के साथ मुंबई पहुंचा. पत्नी और बेटे की तलाश की तो पता चला कि बाबा का वहां कोई अघोरेश्वर आश्रम नहीं है. पता चला कि वह मुंबई के विरार इलाके में किराए के फ्लैट में रहता था, जहां वो नशे का कारोबार सहित कई तरह के अवैध धंधे किया करता था. जिसके कारण सोसाइटी वालों ने उसको वहां से निकाल दिया था.
मुंबई पुलिस ने नहीं की मदद:परिवादी का कहना है कि कथित बाबा आशीष ने पत्नी और बेटे को अपने साथी शंकेश्वर के नाम से लिए फ्लैट में बंधक बनाकर रखा है. जब परिवादी ने बाबा से बात की तो उसने परिवादी की पत्नी और बच्चे को छोड़ने की एवज में एक करोड़ रुपए की डिमांड की, लेकिन जब परिवादी के साले ने बाबा के साथी शंकेश्वर से बात की तो उसने तीन करोड़ रुपए की मांग कर डाली. साथ ही पुलिस में रिपोर्ट करने पर पत्नी और बेटे की हत्या करने की धमकी दी. ऐसे में परिवादी ने मुंबई पुलिस से मदद मांगी, लेकिन बाबा की सांठगांठ ऊपर तक होने के कारण मुंबई पुलिस ने भी कोई मदद नहीं की.
ऐसे में जयपुर लौटकर परिवादी सीधे जवाहर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचा, लेकिन वहां पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करने की बात कहकर मामले को टाल दिया. इसके बाद परिवारी ने बीते साल 30 दिसंबर को डाक के जरिए डीसीपी ईस्ट को शिकायत पत्र भेजा, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. आखिरकार परिवादी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट के दखल के बाद अब पुलिस ने कथित बाबा सहित तीन लोगों के खिलाफ अपहरण सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू किया है.