जयपुर. स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम में हेरिटेज नगर निगम को भले ही स्वच्छ सिटी अवार्ड से नवाजा गया हो, लेकिन हकीकत ये है कि इस बार स्वच्छता रैंकिंग में शहर की रैंक में भारी गिरावट आई है. हेरिटेज नगर निगम 26वीं रैंक से गिरकर 171वें, जबकि ग्रेटर नगर निगम 33वीं रैंक से गिरकर 173वें पायदान पर आ गया है. ये रैंक जयपुर की स्वच्छता का आईना दिखाने के लिए काफी है. कचरा मुक्त शहरों की श्रेणी में राजस्थान के डूंगरपुर को 3 स्टार जरूर मिले हैं, लेकिन एक लाख से कम आबादी में डूंगरपुर की भी रैंक 551वीं आई है.
शर्मसार कर देने वाले नतीजे : केंद्र सरकार के शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के 8वें संस्करण के नतीजे पूरे राजस्थान के लिए चौंकाने वाले रहे हैं, या फिर यूं कहें कि इस परिणाम ने राजस्थान की हकीकत को बयां किया है. पिछले साल राजस्थान की स्वच्छता सर्वेक्षण में आठवीं रैंक थी, जो इस बार गिरकर 25वीं पर जा पहुंची है. यहीं नहीं, प्रदेश का एक भी शहर टॉप 100 में भी जगह नहीं बना पाया है. प्रदेश के शहरों में हेरिटेज नगर निगम टॉप पर है, जिसकी 171वीं रैंक है. इसी तरह ग्रेटर नगर निगम की 173वीं रैंक है. इस रैंक के पीछे कारण साफ है कि राजधानी में ओपन कचरा डिपो खत्म नहीं हो पा रहे. डोर टू डोर कचरा संग्रहण तो हो रहा है, बावजूद इसके कचरा सड़क पर भी आ रहा है.