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गहलोत सरकार के पूर्ण बजट से पहले सुझाव बैठक, 50 औद्योगिक संगठनों ने दिया सुझाव - बजट सत्र

राजस्थान विधानसभा के दूसरे सत्र में गहलोत सरकार अपना पूर्ण बजट लाने की तैयारी में है. सरकार की ओर से विभिन्न वर्गों के साथ में सुझाव बैठक आयोजित की जा रही है. यह बैठक तीन दिन तक चलेगी. बैठक में बजट की योजना बनाने को लेकर उद्योग संगठनों से सुझाव मांगे जा रहे हैं.

गहलोत सरकार के पूर्ण बजट से पहले सुझाव बैठक

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Published : Jun 22, 2019, 7:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा का दूसरा सत्र 27 जून से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में प्रदेश सरकार अपना पूर्ण बजट भी लेकर आएगी. बजट से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न वर्गों के साथ में सुझाव बैठक की और इस बैठक में अलग-अलग वर्ग के लोगों के साथ में बजट को लेकर चर्चा की जाएगी.

गहलोत सरकार के पूर्ण बजट से पहले सुझाव बैठक

पहले दौर में मुख्यमंत्री कार्यालय की कन्वेंशन हॉल में शनिवार सुबह 11 बजे राज्य स्तर की परामर्शदात्री समिति की बैठक शुरू हुई. जिसमें मुख्यमंत्री ने वित्त वर्ष 2019-20 में बजट से संबंधित सुझाव के लिए विभिन्न व्यापारी और उद्योग संगठनों कर सलाहकार प्रतिनिधियों के साथ में चर्चा की. इस बैठक में करीब 50 से ज्यादा उद्योग कलाकार से जुड़े लोगों ने अपने अपने सुझाव दिए करीब 3 घंटे तक चली. बैठक में अलग-अलग संगठनों के व्यापारियों ने अपनी सुझाव दिए. राजस्थान चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव केएल जैन ने रियल स्टेट में स्टांप ड्यूटी कम करने का सुझाव दिया. वर्तमान में ये स्टाम्प ड्यूटी 5 से 6 प्रतिशत है. वहीं CLL संगठन की ओर से जीएसटी रजिस्ट्रेशन सीमा 1 करोड़ करने की मांग रखी गई. वर्तमान में ये सीमा 40 लाख के टर्नओवर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. वहीं उद्योग और व्यापार संगठनों ने मंडी शुल्क कम करने की मांग रखी.

राजस्थान खाद्य व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने मंडी शुल्क 0.50 करने का सुझाव दिया. यह शुल्क अभी 1.60 प्रतिशत है. संगठन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मंडी शुल्क अधिक होने के कारण मंडी से बाहर ज्यादा व्यापार होने लगा है. जिससे सरकार को उसके राजस्व हानि हो रही है. स्टील चैंबर ने प्रदेश के व्योरियों ने उद्योग में सस्ती बिजली की मांग रखी. आरएसीएच के अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने बैठक में स्टील उद्योग की सस्ती बिजली की मांग रखी प्रदेश में 8.50 प्रति यूनिट मिल रही है. उद्योगों को बिजली देश में महंगी बिजली वाले राज्यों में शुमार है.

दरअसल सरकार की तरफ से बजट आने से पूर्व अलग-अलग संगठनों के साथ में बैठक करके उनसे सुझाव भी जाते हैं. उस सुझाव के आधार पर सरकार अपना बजट तैयार करती है. उसमें देखा जाता है कि कौन से वर्ग की क्या मांग है. साथ ही उनकी आवश्यकताओं का ध्यान में रखा जाता है. सरकार ने शनिवार को पहले दौर में कर परामर्शदात्री के साथ बैठक कर सुझाव दिए. यह सुझाव का दौर अगले 3 दिन जारी रहेगा.

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