जयपुर. बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी शनिवार को राजस्थान दौरे पर रहे. जयपुर डायलॉग कार्यक्रम में शामिल हुए त्रिवेदी ने राजस्थान की राजनीति पर बात करते हुए कांग्रेस को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में इससे विचित्र उदाहरण नहीं हो सकता कि पार्टी जिसे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाह रही हो, वो दावेदार ही बागी हो (Sudhanshu Trivedi targets CM Gehlot) जाए. उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी निशाना साधा.
यात्रा कहां चल रही, किसी को पता नहीं: त्रिवेदी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कहा कि जो यात्रा चल रही है, वह ना गुजरात जा रही है, ना हिमाचल प्रदेश जा रही है, उनकी यात्रा उनकी पार्टी की वैचारिक यात्रा है. किसी को पता नही है, वो कहां चल रही है. त्रिवेदी ने कहा कि जो यात्रा महात्मा गांधी, सरदार पटेल, नेहरू और सुभाष चंद्र बोस के स्थान पर नहीं जा रही हैं, उस यात्रा के मायने वो सब समझ रहे हैं. यात्रा कहां से उठकर कहां जा रही, मुझे लगता है यह अपने आप में विचार करने का विषय है. कांग्रेस भारत जोड़ने की बात कह रही है, लेकिन भारत जोड़ने का काम वास्तविक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है.
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पार्टी का दावेदार ही बागी हो गया: त्रिवेदी ने कहा कि इतने दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो अनुसंधान था, वह समाप्त हुआ. लेकिन समाधान से पहले राजस्थान में इतना घमासान हो गया कि जिसे राजस्थान से ज्यादा किसी ने नहीं देखा होगा. उन्होंने कहा कि ऐसा विचित्र उदाहरण देश की राजनीति में नहीं मिलेगा, जिसे पार्टी अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बना रही हो, वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनकी नजर में बागी हो गए. यही नहीं उनके विधानसभा अध्यक्ष भी केंद्र की नजर में उनके विरोधी हो गए. यहां के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा भी केंद्र पर विरोधी हो गए. ऐसा विचित्र उदाहरण भारत की राजनीति में देखने को नहीं मिला है. आवश्यकता यह थी कि राजस्थान की बिगड़ती कानून व्यवस्था का समाधान करें, उसकी जगह सरकार अपनी पार्टी के अंतर्द्वंद में उलझी हुई है.
दो पाटन के बीच साबुत बचा ना कोई: सचिन पायलट और सीएम गहलोत के बीच रहे सियासी संग्राम पर त्रिवेदी ने कहा कि राजस्थान में एक समस्या है कि जो सचिन पायलट और अशोक गहलोत का विवाद चल रहा है. उसके लिए कबीर दास जी की पुरानी पंक्तियां याद करिए 'चलती चक्की देखकर दिया कबीरा रोए, दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोई'. राजस्थान में इन दोनों की लड़ाई के बीच में यही स्थिति होने वाली है. त्रिवेदी ने कहा कि यहां पर जब गौतम अडानी आए तो उनकी भी प्रशंसा हुई. जब पहली बार मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं, यह सबने देखा है. जो पहले क्या कहते हैं बाद में क्या कहते है.
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शांत राजस्थान में कट्टरपंथ का उदय चिंताजनक: त्रिवेदी ने कहा कि राजस्थान में जो पिछले कुछ सालों में हुआ वो बहुत चिंताजनक है. यहां पर बिल्कुल स्पष्ट है कि राजस्थान में 4 साल में जिस तरह से कानून व्यवस्था रही है, नौजवान परेशान रहा है, किसान हलकान रहा है और सबसे बड़ी बात राजस्थान से पीसफुल प्रदेश था. यहां कट्टरपंथी विचारधारा पनपना चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि उदयपुर की घटना को अंजाम देने वाली शक्तियों का उदय होना गंभीर है. इसी तरह से पीएफआई को रैली निकालने की अनुमति देना. इन सब ने राजस्थान की गरिमा को ध्वस्त कर दिया है. आगामी विधानसभा चुनाव में राजस्थान की जनता जवाब देगी.
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भाजपा की नजर, जनता के कष्ट पर: त्रिवेदी ने कहा कि हमारी नजर राजस्थान की जनता के कष्ट पर है. जिस कष्ट में वो चार साल से डूबी हुई है. इस भ्रष्ट और तुष्टीकरण वाली सरकार ने जिस तरह से प्रदेश की जनता को परेशान किया है, हमारी नजर उस परेशानी पर है. त्रिवेदी ने आगामी चुनाव में बड़े नेताओं के दौरे को लेकर भी कहा कि हमारे लिए हर चुनाव इंपॉर्टेंट होते हैं. हैदराबाद में जब नगर निगम के चुनाव हो रहे थे, तब हमारे बड़े नेता वहां प्रचार करने गए थे. तब कहा जा रहा था कि हमारे बड़े नेता वहां क्यों जा रहे हैं. हम कहना चाहेंगे कि हम सिर्फ यहां समाज सेवा करते हैं, वो भी फुल टाइम. राहुल गांधी की तरह आधी अधूरी पार्ट टाइम सेवा नहीं करते हैं. हमारे प्रधानमंत्री जो एक भी छुट्टी नहीं लेते हैं, उनके आदर्शों पर काम करते हैं.