जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने इस बजट में एक बार फिर निशुल्क दवा व जांच योजना पर विशेष फोकस किया है. बजट में निशुल्क दवा और जांच योजना का दायरा बढ़ाया गया है. निःशुक्ल दवा योजना में 104 नई दवाओं को शामिल करने की घोषणा की है, लेकिन गहलोत सरकार का ये बजट विपक्ष को कोई खास बजट नहीं लग रहा है. उन्होंने ये कहते हुए इन घोषणाओं को अधूरा बता दिया कि अगर डॉक्टर सहित स्वस्थ्य विभाग में काफी पद खाली चल रहे हैं तो इन घोषणाओं का औचित्य क्या है.
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बजट घोषणा पर चिकित्सा मंत्री व पूर्व चिकित्सा मंत्री की प्रतिक्रिया सीएम गहलोत ने बजट में कहा कि वरिष्ठ नागरिक और बीपीएल परिवारों की सवाई मानसिंह अस्पताल में निशुल्क जांच की जा रही है. बजट में अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी वरिष्ठ नागरिक और बीपीएल परिवारों की निशुल्क जांच करने की घोषणा की गई है. इसके अलावा निशुल्क दवा योजना की सूची में 104 नई दवाओं को शामिल करने की भी घोषणा की गई है.
बजट के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि सीएम ने जो बुधवार को बजट पेश किया है. उसमें राजस्थान के गांव, किसान, गरीब, नौजवान, पिछड़े तबके, अल्पसंख्यक सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए शानदार बजट पेश किया गया है. खासकर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर इस बजट में विशेष ध्यान दिया गया है. जिसके तहत निशुल्क जांच और निशुल्क दवा योजना का दायरा बढ़ाया गया है. वहीं 200 नए सब सेंटर, 50 पीएचसी, 10 पीएचसी को सीएचसी और 10 सब सेंटर को पीएचसी में क्रमोन्नत किए जाने की घोषणा की गई है.
इतना ही नहीं गंगानगर में मेडिकल कॉलेज खोलने की भी घोषणा मुख्यमंत्री ने इस बजट में की है. रघु शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले ही कहा था कि लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं व सुविधाएं उनकी प्राथमिकता में होगा. वहीं कैंसर, किडनी, हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों को भी निशुल्क दवा व जांच योजना में शामिल किया गया है.
यह ऐसी बीमारियां है, जिनके खर्चे के चलते परिवार आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाते थे. अब इनको भी निशुल्क दवा योजना और जांच योजना के दायरे में लाने से राजस्थान के लाखों लोगों को लाभ मिल सकेगा. शर्मा ने कहा कि राजस्थान के सभी वर्गों का इस बजट में ध्यान रखा गया है फिर चाहे महिला हो, गरीब हो या किसान हो.
वहीं विपक्ष में बैठी बीजेपी को सरकार की यह घोषणाएं रास नहीं आई. पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ ने मुख्यमंत्री गहलोत के बजट भाषण में स्वास्थ्य को लेकर की गई घोषणाओं पर सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है. जांच सुविधाओं का लोगों को लाभ नही मिल पा रहा है.
जहां पर मशीनें है तो वहां ऑपरेटर नहीं है. जब इतने पद खाली चल रहे हैं तो फिर इन घोषणाओं से जनता को कैसे राहत मिलेगी. सर्राफ ने कहा कि हजारों की संख्या में पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार को उन पदों को भरने की कोई चिंता नहीं है. उनका कहना रहा कि इस बजट में भी उन रिक्त पदों को भरने को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में यह बजट महिला विरोधी, किसान विरोधी और गरीब विरोधी बजट है.