जयपुर.राज्य उपभोक्ता आयोग ने पुलिस महानिदेशक को कहा है कि वह आदेश के बावजूद भुगतान नहीं करने के संबंध में सहारा प्राइम सिटी से जुड़े सभी 115 प्रकरणों में जारी गिरफ्तारी और जमानती वारंट की तामील विशेष रूप से टीम गठित कर कराएं. आयोग ने अपने रजिस्ट्रार को कहा है कि वह डीजीपी से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क कर यह सुनिश्चित करें कि गठित होने वाली टीम का मुखिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी हो और सदस्य के तौर पर पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी को शामिल किया जाए. इसके अलावा डीजीपी से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह यूपी के आईजी से संपर्क कर वारंट की तामील सुनिश्चित कराए. आयोग ने यह आदेश इस संबंध में दायर अवमानना प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में अब तक कई बार सहारा प्राइम सिटी और उनके अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और जमानती वारंट जारी किए गए हैं, लेकिन अब तक न तो इनकी तामील कराई गई और ना ही इन्हें बिना तामील आयोग को लौटाया गया. आयोग ने कहा कि सभी परिवादी मध्यम आय वर्ग के लोग हैं. जिन्होंने अपना आवास का सपना देखते हुए अपनी गाढ़े पसीने की कमाई निवेश की थी, लेकिन उनका यह सपना साकार नहीं हो सका. ऐसे में विवश होकर उन्हें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत आयोग में परिवाद पेश करना पड़ा. आयोग का आदेश होने के बाद भी उन्हें निर्णय का वास्तविक रूप से फल प्राप्त नहीं हुआ.
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