जयपुर. राजस्थान में 17 सितंबर को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और एआईसीसी मेंबर्स के लिए के लिए प्रस्ताव भेजे जाएंगे. इसके लिए महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, लेकिन चलते चुनाव के बीच में कांग्रेस के चुनाव पीआरओ बनाए गए संजय निरुपम को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. उनकी जगह एपीआरओ राजेंद्र कुम्पावत को यह जिम्मेदारी दी गई है.
ऐसे में सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि चलते चुनाव के बीच संजय निरुपम से यह जिम्मेदारी वापस क्यों ली गई? कहा जा रहा है कि राजस्थान में पीसीसी मेंबर्स बनाए जाने को लेकर कुछ विवाद की स्थिति बनी थी. हालांकि, औपचारिक रूप से इस बारे में कोई यह नहीं बोल रहा कि संजय निरुपम से यह जिम्मेदारी क्यों ले गई, लेकिन संजय निरुपम को पायलट समर्थक माना जाता है.
बता दें कि कांग्रेस में संगठन चुनाव का प्रोसेस जब शुरू हुआ था, उसी समय संजय निरुपम को राजस्थान के पीआरओ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उनके साथ राजेंद्र कुंपावत और अमित कुमार को जिम्मेदारी दी गई थी. अब तक संजय निरुपम यह जिम्मेदारी संभाल भी रहे थे, लेकिन अचानक संजय निरुपम को अब इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है.
पढ़ें- राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर नहीं होगा चुनाव, आलाकमान करेगा तय
बता दें, कांग्रेस पार्टी में चुनाव प्रक्रिया ने तेजी पकड़ ली है. कांग्रेस पार्टी की ओर से लगाए गए संगठन के चुनाव अधिकारियों यानी पीआरओ को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह 20 सितंबर से पहले हर राज्य में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव (State Congress President Election) करें. साथ ही वोटर लिस्ट यानी पीसीसी मेंबर की लिस्ट को सार्वजनिक करें.
राजस्थान के पीसीसी मेंबर्स के वोटर लिस्ट के साथ ही राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 17 सितंबर को राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अजय माकन जयपुर (Ajay Maken Jaipur Tour) आ रहे हैं. 17 सितंबर को राजस्थान कांग्रेस की ओर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर नियुक्ति का अधिकार कांग्रेस आलाकमान के पास प्रस्ताव के रूप में भेज दिया जाएगा कि वह जिसे चाहे राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष (Rajasthan Congress President) बनाएं. क्योंकि पीसीसी अध्यक्ष के लिए कोई नामांकन नहीं आएगा. ऐसे में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व पर ही यह छोड़ा जाएगा कि वह जिसे चाहे राजस्थान कांग्रेस की कमान सौंप दें.