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राष्ट्रीय प्रेस दिवसः पूरी दुनिया में हालत चिंतनीय, भारत को अपनी रैंकिंग के लिए सोचना होगा - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

National Press Day आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस है. बदलते दौर के साथ ही मीडिया के सामने भी कई चुनौतियां खड़ी हुई हैं. इस खास दिवस के मौके पर टॉक जर्नलिज्म के संस्थापक अविनाश कल्ला से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत करते हुए कई मुद्दों पर चर्चा की.

National press day
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जानिए क्या हैं चुनौतियां.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 17, 2023, 4:39 PM IST

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जानिए क्या हैं चुनौतियां

जयपुर.आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस है. स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस को इंगित करने वाला यह दिन हमारे देश में हर साल 16 नवंबर को मनाया जाता है. इसी दिन भारतीय प्रेस परिषद ने एक नैतिक प्रहरी के रूप में कार्य करना शुरू किया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रेस उच्च मानक बनाए रखे और किसी भी प्रभाव या धमकियों से प्रभावित न हो. साल 1966 से लगातार मनाए जाने वाले प्रेस दिवस के इस खास मौके पर इस वर्ष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में मीडिया थीम रखी गई है. आज की दौड़ में प्रेस की सत्यता निष्पक्षता और सटीकता को कसौटी पर रखा जाता है, दुनिया के मुकाबले भारत में प्रेस की क्या स्थिति है, इस पर टॉक जर्नलिज्म के संस्थापक अविनाश कल्ला के साथ ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की.

भारत में प्रेस के लिए कई चुनौतियां :ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अविनाश कल्ला ने कहा कि हमारे देश में आर्थिक मोर्चे पर मीडिया के हालात चुनौतीपूर्ण हैं. ऐसे में विश्वभर के प्रेस जगत को भी देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता के मायने सरकारों से जोड़कर देखे जाते हैं, क्योंकि प्रेस अपने उपार्जन के लिए सरकारी सिस्टम पर ही निर्भर रहती है. अविनाश कल्ला ने कहा कि प्रेस के लिए पूरी दुनिया में हालत चिंता पूर्ण हैं, लेकिन इस दिशा में भारत को अपनी रैंकिंग के लिहाज से सोचना बहुत जरूरी है. खासतौर पर क्षेत्रीय मीडिया की परिस्थितियों को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की.

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जानिए भारतीय प्रेस पारिषद के बारे में :भारत में प्रेस यानी मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की उपमा दी गई है. इसका मतलब है कि हमारे देश में प्रेस वॉच डॉग के रूप में काम करता है. दुनिया भर के 50 से ज्यादा देशों में प्रेस परिषद कार्य करती है. भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना 1966 में की गई थी. यह एक वैधानिक निकाय है, साल 1978 में प्रेस काउंसिल अधिनियम के तहत इसे और शक्तियां प्रदान की गई थी. भारत में प्रेस के मानकों को सुधारने, इन्हें बरकरार रखने और प्रेस की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करना, इस प्रेस परिषद का कार्य है. प्रेस परिषद में कुल 28 सदस्य होते हैं, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज करते हैं. अन्य सदस्यों में से 20 मीडिया जगत के लोग होते हैं, जबकि पांच सदस्य संसद के दोनों सदनों से होते हैं. वहीं अन्य तीन प्रतिनिधियों का मनोनयन किया जाता है. आज के मौके पर देश भर में कई आयोजन होते हैं, जहां साल भर उत्कृष्ट कार्य करने वाले मीडिया कर्मियों का भी सम्मान किया जाता है.

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