फागी (जयपुर). केंद्र हो या राज्य सरकार बाल मजदूरी पर रोक के बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन इसके बाद भी ना तो बाल मजदूरी रुकी ना मासूमों पर अत्याचार. इन सब पर सोचने को मजबूर करने वाली तस्वीरें राजधानी जयपुर से महज 30 किलोमीटर दूर जयपुर- भीलवाड़ा मेगा हाइवे पर स्थित रेनवाल मांजी से आई है. जहां पर सैकड़ों बच्चों से बाल मजदूरी कराई जा रही है.
खुलेआम उड़ाई जा रही बाल श्रम कानून की धज्जियां
बिहार और दूसरे प्रदेशों आए मजदूर परिवारों के साथ उनके बच्चे भी इन भट्टों में पीस रहे हैं. इनता ही नहीं रेनवाल मांजी क्षेत्र में ईंट भट्टे पर खुलेआम बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. ईंट भट्टे पर छोटे-छोटे मासूम बच्चे ईंटों को बोझ ढोने का काम कर रहे हैं.
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ईटीवी भारत पहुंचा मजदूरी कर रहे बच्चों के पास
सरकार भले ही बच्चों की शिक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे करती हो. लेकिन हकीकत वहीं है जो यहां से सामने आई है. जिन बच्चों के हाथ में कॉपी किताब होने चाहिए. उन बच्चों के हाथ मजदूरी की मिट्टी में सने नजर आ रहे है और भट्टा मालिक इन मासूम बच्चों से काम कराने में जरा भी हिचक महसूस नहीं कर रहा है. जिन बच्चों के सिर पर बड़ों का हाथ होना चाहिए. माता-पिता का आशीर्वाद होना चाहिए, ईंट भट्टों पर इनके सिर पर टोकरियां दिखाई पड़ रही है. वहीं जब यहां काम कर रहे बच्चों से बात की तो वो बताते है कि पिछले कई सालों से लगातार यहां काम कर रहे हैं और रोज करीब 2 से 5 घंटे यहां मजदूरी करते हैं. वहीं पढ़ाई के बारे में जब पूछा तो कुछ नहीं बोल पाए.