जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर की खंडेला तहसील के भोजपुर गांव में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले प्रार्थी सहित अन्य परिवार जनों को सुरक्षा देने को निर्देश दिया है. अदालत ने सीकर एसपी को कहा है कि वह इनके जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित करें. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार, एसपी सीकर, एसडीओ खंडेला व एसएचओ खंडेला सहित अन्य से 31 जनवरी तक जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश मनोहर कुमावत व अन्य की याचिका पर दिए.
पीआईएल दायर करने वालों को सुरक्षा मुहैया कराए सीकर एसपी
राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर की खंडेला तहसील के भोजपुर गांव में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले प्रार्थी सहित अन्य परिवार जनों को सुरक्षा देने को निर्देश दिया है.
Published : Jan 6, 2024, 8:32 PM IST
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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता मनोहर कुमावत ने गांव की चारागाह जमीन पर अतिक्रमण होने पर अतिक्रमियों के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जनहित याचिका पर गत 16 अगस्त को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मामले को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पीएलपीसी कमेटी को भेजते हुए तीन माह में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. याचिका में कहा गया कि अदालत के आदेश के बाद से ही याचिकाकर्ता व उसके पिता सहित अन्य परिवारजनों को निजी पक्षकारों की ओर से धमकियां देना शुरू हो गया. उन्होंने इस संबंध में एसपी सहित अन्य स्थानीय अफसरों को प्रतिवेदन देकर कार्रवाई करने का आग्रह किया, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इससे उनके जीवन व स्वतंत्रता को भी खतरा है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने सीकर एसपी को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है.