जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बहस के जवाब में कहा कि इसी के आधार पर बाद में आरएसएस और हिंदु महासभा की स्थापना हुई थी. हालांकि इससे पहले मुस्लिम लीग बन चुकी थी और वो धर्म के नाम पर अलग देश की मांग कर रही थी, इसलिए प्रतिक्रिया होनी स्वभाविक था.
भारत में 'हिंदुस्तान में रहना होगा तो हिंदु बनकर रहना होगा' के नारे के कारण झगड़े होते हैं : शांति धारिवाल - jaipur
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को ग्रह आबकारी न्याय एवं विधि विभागों की अनुपूरक मांगों पर बहस के जवाब में शान्ति धारीवाल ने कहा कि 'हिंदुस्तान में रहना होगा तो हिंदु बनकर रहना होगा' के नारे के कारण झगड़े होते हैं, जबकि विनायक दामोदर सावरकर ने अपनी किताब में हिंदुत्व की अलग अवधारणा दी थी.
धारीवाल ने कहा कि आज हम 20-22 करोड़ मुस्लिमों को अलग मानेंगे तो यह सोचना होगा कि हम कैसे राष्ट्रवादी होंगे. आज दुनिया में जितने भी मुस्लिम देश हैं वे आपस में लड़ रहे हैं. भारत का मुस्लिम सर्वश्रेष्ठ है और उसे साथ में लिए बिना राष्ट्रवाद की कल्पना नहीं की जा सकती.
धारीवाल ने कहा कि कि सावरकर ने हिंदुत्व की जो परिभाषा दी थी कि उसे मोहन भागवत ने बैतूल की एक सभा में बदल दिया. किताब का ही हवाला देते हुए धारीवाल ने कहा कि गाय एक हाइली यूजफुल जानवर है, लेकिन उसे पूजे जाने में कोई सेंस नही हैं. पूजा जाता है सुपर वुमन को, जानवर को पूजे जाने में कोई सेंस नहीं है. यह दुनिया मानती है कि गाय हाइली यूजफुल है. विपक्ष का विरोध करने पर धारीवाल ने कहा कि हमे इन चीजों को बर्दाश्त करना चाहिए.