जयपुर.आरपीएसी ने वरिष्ठ अध्यापक सामान्य ज्ञान की ग्रुप ए और ग्रुप बी की परीक्षा 2022 को रद्द कर दिया है. अब ये परीक्षा 30 जुलाई 2023 को दो सत्रों में आयोजित की जाएंगी. परीक्षा रद्द होने पर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर गहलोत सरकार को फिर से निशाने पर लिया. राठौड़ ने कहा आरपीएससी कीओर से वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड सेकंड 2022 पेपर लीक प्रकरण में अब सामान्य ज्ञान ग्रुप ए और ग्रुप बी का पेपर निरस्त करना इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस राज में परीक्षाओं की पवित्रता भंग हुई है. इसके साथ ही अधिकतर भर्तियां पेपर माफियाओं के संरक्षण में ही सम्पन्न हुई है.
ईडी के भय से गलती मानी :राठौड़ ने कहा कि तभी कांग्रेस सरकार को बार-बार चेताया था कि सेकेंड ग्रेड परीक्षा में पूर्व की तारीखों की परीक्षाओं का भी पेपर लीक हुआ है, लेकिन सरकार ने संवेदनहीनता दिखाते हुए ये पेपर निरस्त नहीं किए थे. कांग्रेस सरकार आज ईडी के भय से अब गलती मानकर दो पेपर निरस्त कर हमारे दावों पर मुहर लगा रही है. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में पेपर लीक होना कांग्रेस राज की परंपरा बन गई है. आरपीएससी की ओर से कराई गई परीक्षाएं संदेह के घेरे में है. ऐसी कई भर्ती परीक्षाएं हैं जो एसओजी के संज्ञान में नहीं है क्या वो भी निरस्त होंगी ? हैरानी की बात है कि बाबूलाल कटारा एसआई भर्ती के इंटरव्यू बोर्ड में शामिल था, इसके बावजूद भी परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया.
सरकारी नौकरियों की बोली लगी :राठौड़ ने कहा कि आरपीएससी में बाबूलाल कटारा जैसे कई किरदार है जो पैसों के खातिर सरकारी नौकरियों की बोली लगा रहे हैं. प्रदेश के लाखों मेहनतकश बेरोजगारों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. पेपर लीक का यह कलंक युवाओं के भविष्य पर ग्रहण लगा रहा है.
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सीबीआई जांच की मांग :उधर राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा ने बयान जारी कर कहा कि वरिष्ठ अध्यापक की परीक्षा लीक के पुख़्ता सबूत देकर कहा था कि 21 और 22 दिसंबर को भी पेपर लीक हुआ है, पर मुखिया ने अपने चहेतों-डकैतों को काली कमाई करने की खुली छूट दी, आखिर आज 2 पेपर और रद्द कर दिए हैं. मीणा ने सवाल उठाया कि कहीं सरकार ने ED के डर से तो ये फैसला तो नही लिया ? इसीलिए मैं लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहा हूं, जिससे मुख्यमंत्री कतरा रहे हैं. यदि SI, RAS सहित सभी पेपरों की भी जांच हो जाए तो सामने आएगा कि इनमें भी बड़े पैमाने पर नकल हुई है. बेरोजगार युवाओं की पीड़ा को थोड़ा तो समझो सरकार.