जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2021 में 15 साल की नाबालिग से गैंगरेप करने के आरोपी राजगढ़ से कांग्रेस एमएलए जौहरी लाल मीणा के बेटे दीपक उर्फ दिलीप मीणा सहित अन्य एक आरोपी को मिली जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपियों को दो सप्ताह में संबंधित अदालत में आत्मसमर्पण करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता के पिता की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. राजस्थान हाईकोर्ट ने गत 6 अप्रैल को आरोपी को जमानत दी थी. एसएलपी में कहा गया कि हाईकोर्ट ने आरोपियों को जमानत देते समय अपराध की प्रकृति, आरोपी के फरार होने की संभावना, सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की संभावना की पूरी तरह अनदेखी की है.
पढ़ें:नाबालिग से गैंगरेप में कांग्रेस विधायक का बेटा गिरफ्तार, न्यायालय ने भेजा जेल
एसएलपी में कहा गया कि पॉक्सो जैसे गंभीर अपराध में आरोपी केवल तीन माह हिरासत में रहा है. जबकि इस अपराध में 20 साल तक की सजा का प्रावधान है. इसलिए आरोपियों की मिली जमानत रद्द की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपियों को मिली जमानत को रद्द कर उन्हें संबंधित अदालत में समर्पण करने को कहा है. गौरतलब है कि फरवरी 2021 में नाबालिग पीड़िता को नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया था. घटना को लेकर मार्च 2022 में रिपोर्ट दर्ज हुई थी.
पढ़ें:Rajasthan Gangrape: 10वीं की छात्रा से गैंगरेप, कांग्रेस विधायक के बेटे सहित तीन पर एफआईआर