जयपुर. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बुधवार को तीसरा सवाल पूछा. सिकंदरा में भाजपा जनाक्रोश रथयात्रा चौपाल को संबोधित करते हुए पूनिया ने कहा कि यहां की जनता की अदालत की साक्षी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मेरा तीसरा सवाल है कि राजस्थान के लोगों की मौतों का सिलसिला कब रुकेगा. दूषित पानी से मौतों का सिलसिला कब रुकेगा.
उन्होंने कहा कि राजस्थान की जो 30 फीसदी जनता दूषित पानी पी रही है, उसे स्वच्छ पानी कब मिलेगा. यह मेरा तीसरा सवाल है राहुल गांधी से कि आपकी कांग्रेस सरकार यह मौतों का सिलसिला कब रोकेगी. वहीं, इसी मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने भी संज्ञान लिया है. आयोग ने 14 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जयपुर, जिला कलेक्टर करौली और जिला पुलिस अधीक्षक करौली से इस पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
पूनिया का राहुल गांधी से तीसरा सवाल... पूनिया ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में अशोक गहलोत सरकार के शासन में हर क्षेत्र में (BJP Targets Gehlot Government) बदतर हालात हैं. कानून-व्यवस्था से लेकर, किसानों से लेकर नौजवानों तक के मुद्दों पर सरकार विफल है. व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमराई हुई हैं.
आर्थिक संबल दे सरकार : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह करते हुए कहा कि दूषित पानी से मृतकों के परिजनों को आर्थिक संबल प्रदान करें. परिजनों की जो भी मांगें हैं उन पर शीघ्र विचार कर अमल करें. उन्होंने कहा कि हिंडौन सिटी सहित प्रदेश के जिन भी इलाकों में दूषित पेयजल है, वहां स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने पर गंभीरता से विचार कर योजना को धरातल पर उतारें.
पूनिया ने कहा कि दूषित पेयजल से बीमार होना और मौत हो जाना (Rajasthan Water Pollution) यह सामान्य घटना नहीं है. दूषित पानी से दो लोगों की मौत होने और कई लोगों के गंभीर बीमार होने की जानकारी मिली है. पूनिया ने आश्चर्य जताया कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री का कहना है कि सरकार योजना बना रही है. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि पिछले 4 वर्षों से वह क्या कर रहे थे.
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सरकार क्या कर रही थी ?. क्योंकि यह सरकार तो उत्तरार्ध पर है, कांग्रेस सरकार के मंत्री का यह गैर जिम्मेदाराना बयान है. इन्हीं के सरकार के विज्ञापन में लिखा हुआ है कि जल ही जीवन है, जिसमें मुख्यमंत्री की मुस्कुराते हुए फोटो भी है. लेकिन हालात से यह लग रहा है कि हिंडौन में तो जल ही जहर है. पूनिया ने कहा कि बहुत दुखद बात है कि दूषित पानी की इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी राज्य सरकार के किसी भी नुमाइंदे ने न पीड़ितों के हालचाल जाने, न चिकित्सा व्यवस्थाओं को देखा. साथ ही न उन्हें संबल देने का कोई काम किया.
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान : उधर प्रदूषित पानी पीने से हुई बच्चे की मौत और 125 से ज्यादा बीमार हुए बच्चों को लेकर मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. उन्होंने इस पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने निर्देश दिए कि 14 दिसंबर तक इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवा कर रिपोर्ट आयोग के समक्ष पेश करें. जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने कहा कि करौली जिले के हिंडौन में करीब 125 से ज्यादा लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं इनमें से 90 से ज्यादा लोगों को हिंडौन के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जबकि 11 बच्चे सहित 17 को गंभीर हालत में जयपुर रेफर किया गया है. यह गंभीर मामला है, इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए .