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शहर में फिर बिगड़ी सफाई व्यवस्था : 6000 से ज्यादा सफाई कर्मचारियों ने नहीं उठाई झाड़ू - Jaipur municipal corporation employee strike news

आज मंगलवार को सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर जयपुर शहर और उनके वासियों को देखने मिला. सड़कों पर न तो झाड़ू लगा न ही कूड़ा उठा. यहां तक कि लोगों के घरों से भी कूड़ा नहीं उठा है.

शहर में फिर बिगड़ी सफाई व्यवस्था
शहर में फिर बिगड़ी सफाई व्यवस्था

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Published : Jun 6, 2023, 10:59 AM IST

Updated : Jun 6, 2023, 11:15 AM IST

जयपुर.प्रदेश की राजधानी में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर साफ दिखने लगा है. मंगलवार को 6000 से ज्यादा वाल्मीकि समाज से जुड़े सफाई कर्मचारियों ने झाड़ू नहीं उठाई. सड़कों पर झाड़ू नहीं लगी और न ही कचरा उठा. वहीं कई क्षेत्रों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण भी नहीं हुआ. हालांकि 2018 में नियुक्त हुए अन्य समाज के सफाई कर्मचारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में मोर्चा जरूर संभाला है.

6000 से ज्यादा सफाई कर्मचारियों ने नहीं उठाई झाड़ू

दो महीने में दूसरी मर्तबा सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल करते हुए कार्य बहिष्कार किया है. सफाई कर्मचारियों की मांग है कि 30 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो. इसमें भी वाल्मीकि समाज के लोगों और 2018 से पहले बीट, मस्टर रोल, संविदा या कॉन्ट्रैक्ट पर कार्य कर चुके लोगों को प्राथमिकता दी जाए. दरअसल, बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों में 30 हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा की थी. जिसके एवज में स्वायत्त शासन विभाग ने बीते दिनों 13 हजार 184 पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी की. ये भर्ती भी आरक्षण पद्धति पर कराए जाने का फैसला लिया गया. जिसके विरोध में संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ से जुड़े कर्मचारी 4 दिन तक हड़ताल पर रहे. उस दौरान भी शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी.

शहर में फिर बिगड़ी सफाई व्यवस्था

ऐसे में राज्य सरकार ने बैकफुट पर जाते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दिया और संशोधित विज्ञप्ति जारी करने का आश्वासन दिया. लेकिन 1 महीना बीत जाने के बाद भी अब तक संशोधित भर्ती विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है. इस संबंध में डीएलबी डायरेक्टर को ज्ञापन भी दिया गया और बीते दिनों कर्मचारियों ने फाइनल अल्टीमेटम भी दिया. बावजूद इसके भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करने से आक्रोशित सफाई कर्मचारियों ने सोमवार को आम सभा करते हुए हड़ताल पर जाने का ऐलान किया. नतीजतन मंगलवार को न तो सड़कों पर झाड़ू लगी, न कचरा उठा और कई क्षेत्रों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण भी प्रभावित रहा.

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उधर, 2018 में भर्ती हुए गैर वाल्मीकि समाज के करीब 2,000 सफाई कर्मचारियों ने निगम का सहयोग करते हुए खुद को हड़ताल से दूर रखा है. अपने-अपने क्षेत्रों में साफ सफाई भी की. हालांकि ये स्पष्ट है कि जहां 8000 से ज्यादा सफाई कर्मचारी कार्य करते हैं, उस कार्य को 2000 सफाई कर्मचारी नहीं कर सकते. ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था में लड़खड़ाती दिखी. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर अब तक सफाई कर्मचारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है.

Last Updated : Jun 6, 2023, 11:15 AM IST

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