जयपुर. देश की सबसे बड़ी खारे पानी की झीलों में से एक यह सांभर झील है. इस झील से देश के कुल नमक उत्पादन का 8% नमक इस झील से मिलत है. एक फिर से कोरोना वायरस के संकट के बीच सांभर झील से निकलने वाले नमक का व्यापार ठप्प हो गया है. ऐसे हालात देश में लगभग सभी व्यवसायों का है...लेकिन सांभर झील के नमक का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों और यहां काम करने वाले श्रमिक पिछले 4 महीने में तीसरी बार व्यवसाय ठप होने के संकट से जूझ रहे हैं.
- सांभर झील में अक्टूबर 2019 में हजारों पक्षियों की मौत हुई थी
- पक्षियों की मौत से व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हुआ था
- हालात सही होने से पहले प्रदेश में लागू हो गया लॉकडाउन
- श्रमिक और व्यापारी लॉकडाउन हटने का कर रहे इंतजार
पहले सांभर झील में पक्षियों की मौत और अब लॉकडाउन ने इस व्यवसाय की कमर तोड़कर रख दी है. अगर इस व्यवसाय को सरकार की ओर से रियायत नहीं दी गई तो नमक का काम इस साल पूरी तरह से ठप होने की कगार पर है. वजह साफ है कि, जून के महीने तक संभव है बारिश शुरू हो जाए ऐसे में मार्च के बाद अब 40 दिनों का लॉक डाउन रहेगा. ऐसे में अगर इस व्यवसाय को फिर से शुरू नहीं किया गया तो यह पूरी तरह से ठप हो सकता है.
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