जयपुर.राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट गुरुवार को पाली के बाली विधानसभा के सादड़ी में किसान सम्मेलन करते नजर आए. अपने चौथे किसान सम्मेलन में भी पायलट ने इशारों ही इशारों में गहलोत सरकार पर हमला किया. इस बार उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचारियों को बचाने के आरोप लगाए. पायलट ने कहा कि अगर हम सरकार बनने के बाद भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे, तो फिर कैसे आने वाले समय में जनता हमारी बातों पर भरोसा करेगी?
पायलट ने कहा कि जिन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब कर हमने राजस्थान में सरकार बनाई, उन लोगों को बख्शेंगे तो जनता अगली बार हमपर विश्वास नहीं करेगी. पायलट ने कहा मैं दुश्मनी की बात नहीं करता. लेकिन हमने जो सामूहिक रूप से वसुंधरा सरकार पर प्रमाणित आरोप लगाए थे, उन्हीं के चलते राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी. लेकिन आज 4 साल गुजर जाने के बाद भी जिन्होंने लोगों को धोखा दिया और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे, उनके खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया. इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए दूध का दूध और पानी का पानी करने की जरूरत है.
पढ़ें. पायलट का पलटवार: कोई अधिकारी व नेता शामिल नहीं फिर भी पेपर बाहर पहुंच गए, क्या कोई जादूगरी हो गई ?
5 साल निकले, कोई कार्रवाई नहीं हुई : सचिन पायलट ने कहा कि साल 2008 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल के भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए माथुर आयोग बनाया था. दुर्भाग्यवश वह आयोग भी कुछ नहीं कर सका और 5 साल निकल गए. इस बार भी 4 साल निकल चुके हैं, अब ऐसे लोगों पर कार्रवाई का समय है. पायलट ने कहा कि 2013 में चुनाव हुए, उस समय हमारी सरकार चुनाव हार गई थी. इसके बाद हमने कड़ी मेहनत की, 5 साल में वसुंधरा राजे की सरकार को चुनौती देते हुए काले कारनामों को एक्सपोज करने का वादा किया.
2018 में जनता ने कांग्रेस को इसी विश्वास पर चुना कि 5 सालों में जो गड़बड़ी हुई, घोटाले हुए, उसकी हम जांच करेंगे. साथ ही जो मुलजिम पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई करेंगे. पायलट ने कहा कि हमको याद है कि वसुंधरा राजे की सरकार के समय हमने लगातार खान घोटाले की बात उठाई थी. 2008 में कालीन का घोटाला हुआ. उस समय भी हमने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी. अब हमारी सरकार को 4 साल हो गए हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव आने से पहले भाजपा की सरकार ने जो जो भ्रष्टाचार किए उनको हम एक्सपोज करेंगे. ताकि जनता हमारी बात पर विश्वास कर सके.