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जयपुर ब्लास्ट में इन्वेस्टिगेशन ठीक से नहीं हुई, गृह विभाग के जिम्मेदार अफसरों पर हो कार्रवाई: सचिन पायलट

जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने के मामले में सचिन पायलट ने सवाल उठाए हैं. पायलट ने कहा कि सबको पता है ब्लास्ट हुए थे और आरोपियों को पकड़ा गया था. लोअर कोर्ट से मौत की सजा पाए आरोपी अगर जांच में कमी की वजह से छूट जाएं तो यह गंभीर मामला है. इसकी जांच होनी चाहिए.

sachin pilot on jaipur serial bomb blast verdict
sachin pilot on jaipur serial bomb blast verdict

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Published : Mar 30, 2023, 2:48 PM IST

पायलट का गहलोत पर निशाना

जयपुर. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पालयट ने बिना नाम लिए एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. उन्होंने इस बार जयपुर ब्लास्ट का मुद्दा उठाते हुए सीधे गृह विभाग को कटघरे में खड़ा किया. जयपुर ब्लास्ट में जिन आरोपियों को बरी किया गया है उसके लिए सचिन पायलट ने जांच की कमी की बात कही है.

राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि जांच में कमी रखने वाले जिम्मेदार गृह विभाग और विधि विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. पायलट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि जब ब्लास्ट हुए थे तो कितने लोगों की जान गई और आरोपियों को पकड़ा भी गया. निचली अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है. मौत की सजा सुनाने के बाद अगर हाईकोर्ट को यह कहना पड़े की इन्वेस्टिगेशन ढंग से नहीं की गई, उसमें कमियां रह गई थीं तो ये अपने आप मे गंभीर मामला है. इस पर राजस्थान के गृह विभाग और लॉ डिपार्टमेंट को आत्मचिंतन करना पड़ेगा.

पायलट ने कहा कि जिम्मेदार लोगों की इस मामले में जांच होनी चाहिए कि ऐसा कैसे हुआ? क्योंकि किसी ने तो ब्लास्ट किया था, जिसके चलते मौत की सजा सुनाई गई थी. लोअर कोर्ट से सजा कम होना और सजा नहीं होना अलग बात होती है, लेकिन सबूतों की वजह से रिहा कर दिया जाए यह बड़ी बात है. अगर जांच एजेंसी काम नहीं कर पा रही है, सबूत इकट्ठा नहीं कर पा रही है या उसे पुख्ता रूप से प्रस्तुत नहीं कर पा रही है तो इस पर जांच बैठानी चाहिए. गृह विभाग या लॉ मिनिस्ट्री जो भी अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं. उन पर कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि जिनकी मौत हुई है उनको भी हमें जवाब देना होगा.

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पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि कई बार तो ऐसा होता है कि अपराध करने वाले आरोपी मिलते नहीं है, लेकिन जब अपराधी मिल जाएं और लोअर कोर्ट से सजा हो जाती है तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि इसे लॉजिकल कंक्लुजन तक लेकर जाएं. ऐसे में तुरंत प्रभाव में सरकार को इस मामले में नए सिरे से इन्वेस्टिगेट करके डॉक्यूमेंट और सबूत को इकट्ठा कर लोगों को न्याय मिले इसका प्रयास करना चाहिए. अगर सबूतों के अभाव में न्यायपालिका से हम न्याय नहीं मिला पा रहे हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

बता दें कि राजस्थान में गृह मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है. ऐसे में गृह विभाग की कमी बताते हुए सचिन पायलट ने कहीं न कहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सवाल खड़े किए हैं.

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