भरतपुर. महाराजा सूरजमल स्मृति समारोह के उपलक्ष्य में मंगवलवार को यूआईटी के ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां कार्यक्रम में मोरू सपेरा और ममे खान ने शानदार प्रस्तुतियां दी. वहीं, कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि सचिन पायलट सहित मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
इस दौरान सचिन पायलट ने जनगणना 2021 और NPR के पास किए गए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले दिल्ली में कहा था की NRC लागू करने पर कोई चर्चा नहीं होगी. लेकिन उन्ही के मंत्री कई बार बोल चुके है की लागू करना है. पायलट ने कहा कि पीएम मोदी ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के लिए रुपए जारी किए है. लेकिन सभी लोग समझते है की NRC लाने के लिए NPR लाना पहला कदम है.
सचिन पायलट ने जनगणना 2021 और NPR के लिए पास बजट पर दी प्रतिक्रिया इसलिए देश में जो कनफूसी पैदा की जा रही है यह तकनीकी बात है. जिसे गांव में रहने वाले आदमी, दलित, पिछड़े लोग,आदिवासी लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. सरकार ने आज NPR के लिए जो पैसा दिया है वह लोगों को और असमंजस में डालेगा. प्रधानमंत्री की दो दिन पहले की स्पीच के बाद उनकी कैबिनेट ने यह फैसला किया है तो लोग क्या समझेंगे.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि झारखंड के चुनाव परिणाम एक कहानी बताते हैं. जहां 6 महीने पहले भारतीय जनता पार्टी को बढ़त मिली थी. वहां BJP के मुख्यमंत्री खुद चुनाव हार गए. सत्ताधारी पार्टी को कही न कही आत्मचिंतन करने की जरूरत है. CAA और NRC का जो मुद्दा चल रहा है उसको लेकर पूरे देश से अलग-अलग बयान आ रहे है. सभी राज्यों में लोगो के अंदर एक असुरक्षा का माहौल है. यह किसी जाति या समुदाय की बात नहीं है.
पायलट ने कहा जो भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हैं, जिन्होंने पार्लियामेंट में वोट डाले है वो असलियत को समझ रहे हैं, उन्होंने अपने हाथ खींच लिए है. 8 ऐसे राज्य हैं जो NDA नहीं है. उन्होंने कहा था कि हम एक्ट को लागू करेंगे लेकिन उन्होंने विड्रो किया है. पायलट ने कहा कि देश मे प्याज 180 रुपए किलो बिक रहा है. बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा, कारखाने बंद हो रहे है, देश मे मंदी का दौर है. इन सब मुद्दों का निराकरण करने की बजाय सरकार NRC और CAA को लागू करने में लगी हुई है.
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सरकार को देश की जनता के बारे में चिंता करनी चाहिए. नागरिकता के कानून को पहले ही पांच बार बदला जा सकता है. लेकिन कोई चर्चा नहीं हुई. लेकिन 6वींं बार कानून बदलने के बाद बवाल मच गया. उत्तर प्रदेश में 18 लोग मारे गए उसका कौन जिम्मेदार है. देश में लोगो की जाने जा रही है लोग अनशन कर रहे है, शहरों में कर्फ्यू लगा है.
इसके खिलाफ सोनिया गांधी, राहुल गांधी ने दिल्ली के राजघाट पर धरना दिया है. यह एक संकेत है कि हम संविधान की सुरक्षा करेंगे. इसी को लेकर 28 तारीख को सुबह जयपुर में एक पदयात्रा निकाली जा रही है. लेकिन देश में जो माहौल बना है इसके वो लोग जिम्मेदार है जो सत्ता में हैं. इसलिए इस एक्ट को वापस ले लेना चाहिए, ये देश की जनता की भावना है.