राजीव गांधी युवा मित्रों के धरने में पहुंचे सचिन पायलट जयपुर. पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के दौरान लगाए गए राजीव गांधी युवा मित्रों को भजनलाल सरकार ने हटा दिया है. इसके विरोध में युवा मित्र करीब आठ दिन से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. तीन दिन से सात युवा मित्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट शुक्रवार को युवा मित्रों के धरने पर पहुंचे और उनकी मांगों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि नई नौकरियां देने के बजाए सरकार युवाओं से नौकरी छीन रही है. इससे युवाओं में गलत संदेश जाएगा.
राजीव गांधी युवा मित्रों के बीच पहुंचे सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि युवाओं को रोजगार देने की बात भाजपा और केंद्र सरकार करती है, लेकिन जिन लोगों को रोजगार मिला हुआ था, उन्हें बेरोजगार किया गया है. किसी एक नाम से आपको परहेज है, उसका नाम बदलना चाहते हैं, उसके नियमों और शर्तों में बदलाव करना चाहते हैं, तो चर्चा करें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पढ़े-लिखे शिक्षित नौजवान जिनको पहले से रोजगार मिला हुआ है, उनसे आप रोजगार छीन लें, यह गलत है.
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सरकार को बहाल करनी चाहिए नौकरी :सचिन पायलट ने कहा इतने दिनों से ये लोग धरने पर बैठे हैं. सरकार को आगे आकर चर्चा करनी चाहिए. "मेरा इतना ही निवेदन है कि अगर आप और नौकरी नहीं दे पा रहे हैं, तो कम से कम जिनको हमने नौकरी दी थी, उनको द्वेषतापूर्ण कार्रवाई करते हुए नौकरियों को खत्म तो मत कीजिए, इससे नौजवानों के बीच गलत संदेश जाएगा." सरकार को अपना विवेक इस्तेमाल करके फैसला लेना चाहिए और इनकी नौकरी बहाल करनी चाहिए.पायलट ने कहा कि जिन लोगों की नौकरी गई है, उनमें महिलाएं भी हैं, नौजवान भी हैं. ये लोग यहां सर्दी में धरने पर बैठे हैं, इनकी मांग भी वाजिब है. सरकार बदलते ही बिना वजह इनकी नौकरी खत्म कर दी गई. अगर आप नौकरी और नहीं बढ़ा सकते हैं, तो बिना वजह नौकरी खत्म तो मत कीजिए. यह द्वेषतापूर्ण कार्रवाई है. जनता ने जनादेश दिया है और नई सरकार बनी है, ऐसे में सरकार को तो और अच्छे काम करने चाहिए.
योजना के नाम में परेशानी है तो चर्चा करे सरकार :पायलट ने कहा कि "अगर योजना के नाम को लेकर कोई परेशानी है तो बात कीजिए. मुझे नहीं लगता कि सिर्फ नाम के आधार पर नौकरियां देने या लेने का काम होगा. इसमें कुछ योग्यताएं हैं. शैक्षणिक योग्यता और क्राइटेरिया है. अगर कोई कमी थी तो चर्चा करें. इतने दिनों से ये युवा अपनी बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है. नौजवानों की बात को इस तरह क्रूरतापूर्वक दबाना भी गलत है. लोकतंत्र में अपनी बात रखने का अधिकार सब लोगों को है."
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युवा मित्रों का मुद्दा हर मंच पर उठाएंगे :पायलट ने कहा कि "जब सरकार बनी थी तो कहा गया था कि हम पिछली सरकार की किसी भी योजना को बंद नहीं करेंगे. नाम बदल रहे हैं, वो अलग बात है, लेकिन नौजवानों की क्या गलती है, इन्होंने ऐसा क्या काम किया है, जो इनके पेट पर लात मारी जा रही है. उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को हर जगह उठाएंगे. पूरा प्रदेश जानता है कि इन युवाओं के साथ नाइंसाफी हो रही है."