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बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी पर सचिन पायलट बोले- जांच हो, किसकी सिफारिश पर बने RPSC सदस्य

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक फिर गहलोत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने इस बार पेपर लीक मामले में सरकार को घेरा.

Sachin Pilot statement
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Published : Apr 23, 2023, 5:28 PM IST

Updated : Apr 23, 2023, 6:26 PM IST

कांग्रेस नेता सचिन पायलट का गहलोत पर बड़ा बयान

जयपुर. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट रविवार को जयपुर में भगवान शिव की शरण में पहुंचे. यहां उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक किया. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधा. साथ ही वसुंधरा राजे पर भी तंज कसा. सचिन पायलट ने कहा कि मैंने तो किसी को लेकर मिलीभगत का कोई आरोप नहीं लगाया, तो फिर यह निम्बू-दूध और पानी जैसी बातें कहकर सफाई क्यों दी जा रही है?

उन्होंने पेपर लीक मामले में आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी को लेकर भी राज्य सरकार पर सवाल खड़ा किया. सचिन ने कहा कि पहले यह कहा जा रहा था कि इस मामले में कोई नेता और अधिकारी शामिल नहीं है, जबकि मैंने नागौर में भी कहा था इस मामले में बड़ा मास्टरमाइंड जो है उसकी तह तक जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो ये आरपीएससी का सदस्य अरेस्ट हुआ है उसमें यह भी जांच होनी चाहिए कि बाबूलाल कटारा सदस्य कैसे बने. इन्हें किसने रिकमंड किया, इसकी तह तक जाना होगा, क्योंकि कहीं न कहीं तार और भी जुड़े होंगे. ऐसे में जांच होनी चाहिए.

पूर्व डिप्टी सीएम ने अशोक गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि पेपर लीक जैसे मामले में एसटीएफ गठित कर देना या कानून पारित कर देना बड़ी बात नहीं होती है. छोटे-मोटे अधिकारियों तक जांच पहुंची है. इसे और भी गंभीरता से लेकर सघन जांच होनी चाहिए, ताकि सच सामने आए. उन्होंने महेश जोशी को लेकर कहा, रंधावा जब बाकी रिपोर्ट दे रहे हैं तो यह भी दें कि मंत्री-विधायकों पर लग रहे आरोपों से पार्टी और सरकार की छवि खराब हो रही है.

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उधर, जयपुर के रामप्रसाद मीणा आत्महत्या मामले में मंत्री महेश जोशी का नाम आने पर सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी रंधावा संजीदा, सुलझे हुए और समझदार व्यक्ति हैं, जब वह सारी रिपोर्ट दे रहे हैं तो यह रिपोर्ट भी बतानी चाहिए कि जो हमारे मंत्री, विधायक और सरकार के नुमाइंदे है उन पर अगर आरोप लगते हैं तो उसे पार्टी और सरकार की छवि को ठेस पहुंच सकती है. एआईसीसी तक यह बातें पहुंच जानी चाहिए. चाहे कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, किसी भी पद पर क्यों न बैठा हो, किसी का भी चाहेता हो, लेकिन जांच के बाद तथ्य पाए जाएं तो कार्रवाई से परहेज नहीं करना चाहिए.

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सचिन पायलट ने इस मामले पर आगे कहा कि राज करने वाले शासक भेदभाव नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कोर्ट में डाईंग डिक्लेरेशन ऐडमिसिबल होता है. महेश जोशी के स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के नैतिकता के पैमाने अलग-अलग होते हैं, कौन इस्तीफा देता है कौन नहीं देता ? मुख्यमंत्री किसका इस्तीफा लेते हैं नहीं लेते हैं ? लेकिन जांच होनी चाहिए.

Last Updated : Apr 23, 2023, 6:26 PM IST

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