हड़ताल पर बोले सचिन पायलट जयपुर. राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. करीब 2 सप्ताह से बिल को लेकर डॉक्टर और सरकार आमने-सामने हैं. गुरुवार को अब डॉक्टरों ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मिलकर अपनी बात रखी है. इस मामले में सचिन पायलट ने भी सरकार और डॉक्टरों से अपील की है कि दोनों पक्षों का उद्देश्य एक ही है. दोनों ही स्वास्थ्य सेवाएं देना चाहते हैं, दोनों पक्षों के अलग-अलग रास्ते हों लेकिन इस मामले में अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए.
सचिन पायलट ने कहा कि इस मामले में क्योंकि सरकार हमारी है, ऐसे में हमें आगे आकर मामले को सुलझाना चाहिए. पायलट ने कहा कि सरकार भले ही यूनिवर्सल हेल्थ फेसिलिटी सबको देने की मंशा रखती है, लेकिन आज जो हालात बन गए हैं और डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं, ऐसे सरकार को उनकी बात भी सुननी चाहिए और बातचीत से रास्ता निकलना चाहिए.
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पायलट ने कहा कि इस पूरे मामले में पब्लिक सफर कर रही है. उसे ट्रीटमेंट नहीं मिल रहा. ऐसे में यह जिम्मेदारी हम लोगों की बनती है कि हॉस्पिटल और डॉक्टरों का जो रुख है उसे भी हम सुनें. पायलट ने कहा कि कोई न कोई बीच का रास्ता निकलना चाहिए क्योंकि हजारों लोगों को ट्रीटमेंट नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में सरकार और हेल्थ डिपार्टमेंट को चाहिए कि वह अड़ियल रवैया छोड़े और अपने ऑब्जेक्ट को अचीव करने के लिए जो सबसे बेहतर रास्ता हो उसे अपनाएं. उन्होंने कहा कि यह मामला मार्मिक है और प्रदेश के करोड़ों लोगों को प्रभावित कर रहा है.
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पहले भी केंद्र सरकार इसी तरीके से राइट टू एजुकेशन, राइट टू वर्क जैसे कानून लेकर आई लेकिन अब राइट टू हेल्थ बिल के लिए हमें डॉक्टरों से बातचीत कर रास्ता निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार भी चाहती है कि जनता को सरल रूप से मेडिकल सर्विस मिले, अब उस में परिभाषा और रूल क्या होंगे उस पर जल्दी चर्चा कर दोनों पक्षों को समझौता करना चाहिए. उन्होंने कहा कि चाहे डॉक्टर हो या फिर सरकार दोनों को ही अड़ियल रवैया अपनाने की जगह फ्लैक्सिबल होना चाहिए और रास्ता हमेशा चर्चा से ही निकलता है. पायलट ने कहा कि जब बातचीत से ही रास्ता निकलना है इसमें देरी करने का कोई मतलब नहीं हैं.